क्या पंजाब में होने वाला है कुछ बड़ा? अमित शाह से मिले सीएम मान, CRPF-RAF की 18 कंपनियां रवाना

पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की है। बीते दिनों पंजाब के अजनाला में खालिस्तान समर्थक एवं ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख जत्थेदार अमृतपाल सिंह और उसके कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था। उसमें छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इतना ही नहीं, उसने पुलिस को चेताया था कि आगे भी उनके किसी समर्थक के ख़िलाफ कोई कार्रवाई की तो अजनाला थाने पर हुए हमले का दोहराव हो सकता है। उस संदर्भ में शाह और मान की इस बैठक को अहम माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर पंजाब में सीआरपीएफ/आरएएफ की 18 कम्पनी तैनात की जा रही हैं। ये कम्पनी छह मार्च से 16 मार्च तक पंजाब में रहेंगी। इन कम्पनियों को कहा गया है कि वे सभी प्रकार के दंगा रोधी उपकरणों, ओपी स्केल आर्म्ज़ व गोला बारूद से लैस रहें।
पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर के लिए तैनात हुई सीआरपीएफ
सीआरपीएफ मुख्यालय की ओर से एक मार्च को जारी आदेशों में कहा गया है कि पंजाब में जो कम्पनियां भेजी जाएँगी, उनमें दस कम्पनी सीआरपीएफ और आठ कम्पनी आरएएफ की रहेंगी। सीआरपीएफ की दस कम्पनी झारखंड सेक्टर से पंजाब के लिए रवाना की जा रही हैं। आरएएफ की चार कम्पनी 83 बटालियन से, दो कम्पनी 194 बटालियन से और दो कम्पनी 104 बटालियन से पंजाब पहुँच रही हैं। बता दें कि पंजाब में खालिस्तान की मांग पर आगे बढ़ रहे ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख जत्थेदार अमृतपाल सिंह को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय गम्भीर है। मंत्रालय ने इस बाबत आईबी से विस्तृत रिपोर्ट माँगी थी। उसे मंत्रालय के टॉप अफसरों के साथ साझा किया गया था।
अपनी बात मनवाते हुए अपने साथी को रिहा कराया
अजनाला में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने जिस तरह से थाने पर धावा बोला और उसके बाद सरकार से अपनी बात मनवाते हुए अपने साथी को रिहा कराया, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे गम्भीरता से लिया है। इतना ही नहीं, जब पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने जब इस मामले में कार्रवाई की बात कही तो अमृतपाल सिंह ने दोबारा से ऐसी घटना होने की चेतावनी दे दी थी। डीजीपी ने कहा था कि अमृतपाल समर्थकों ने पुलिस से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी। पुलिस ने उन पर भरोसा किया। वे पुलिस की बात मानेंगे, यह सोचकर प्रदर्शन की इजाजत दे दी गई। बाद में अमृतपाल के समर्थकों ने गुरु ग्रंथ पालकी साहिब की आड़ में पुलिस पर धारदार हमला कर दिया।
इस बात पर भड़क गया था अमृतपाल
हिंसा में छह पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। उसके बाद यादव ने कहा था कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर क़ानूनी कार्रवाई होगी। जो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनके बयान दर्ज़ किए जाएंगे। वीडियो साक्ष्यों को देखा जा रहा है। इस बयान पर जत्थेदार अमृतपाल सिंह भड़क गया और पुलिस को चेतावनी दे डाली। उसने कहा, पुलिस को यह मामला यहीं पर क्लोज कर देना चाहिए। अब किस बात के लिए कार्रवाई करनी है। हमने एक ऐसे बंदे को जेल से रिहा कराया है, जो बेगुनाह था। इस मामले में पुलिस ने लाठीचार्ज भी कर दिया। अब पुलिस को कार्रवाई किस पर करनी है। सूत्रों का कहना था कि अमृतपाल की यह धमकी, कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ा संदेश है। इसमें धमकी है और चेतावनी भी है। अपने साथी को रिहा कराने के बाद अमृतपाल के समर्थकों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
अमृतपाल ने कही डॉक्टर से सलाह लेने की बात
सिख प्रचारक एवं जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक अमृपाल सिंह संधू, खुलेआम खालिस्तान का प्रचार कर रहा है। अमृतपाल सिंह कहता है, वह हर उस इंसान के साथ हैं जो खालिस्तान का समर्थन करता है। एसजीपीसी को केंद्र के हिसाब से नहीं, बल्कि अपने संविधान के मुताबिक चलना चाहिए। विदेश में बैठे आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में संधू ने कहा, सरकार किसी को भी आतंकी या साधु घोषित कर देती है। आज भी सब पंजाबी गुलाम हैं। जो लोग सोचते हैं कि हम आजाद हैं, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस तरह की बातें करने वाले अमृतपाल के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी।