‘कांशीराम को राजीव गाँधी ने कहा था सीआईए एजेंट, मायावती ने राहुल गाँधी को बताया दलित विरोधी, कहा – अपना घर सँभल नहीं रहा

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नई दिल्ली 10 अप्रैल 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल, सचित गौतम)

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने ​रविवार (10 अप्रैल, 2022) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी शुरू से घिनौने हथकंडे अपना रही है। इन लोगों से अपना घर तो संभल नहीं रहा है, हम पर कटाक्ष कर रहे हैं। कल सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस द्वारा यह कहना कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीएसपी के साथ गठबंधन करने और मुख्यमंत्री बनाने के ऑफर पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया – ये बात पूरी तरह गलत है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दूसरी पार्टियों की चिंता करने की बजाए अपनी चिंता करनी चाहिए। बीएसपी का काम करने का अलग तरीका है। चुनाव के बाद हर विपक्षी पार्टी द्वारा नतीजे पर समीक्षा होनी चाहिए, लेकिन इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस का हाल अभी भी ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नौचे’ जैसा हो गया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि कांग्रेस को बीएसपी को लेकर कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोचना चाहिए, लेकिन बाप (राजीव गाँधी) की राह पर चलकर बेटा भी बीएसपी पर निराधार आरोप लगा रहा है। अपने दौर में राजीव गाँधी ने भी बीएसपी को बदनाम और कमजोर करने के लिए कांशीराम को सीआईए का एजेंट बता दिया था। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस बीजेपी की सेंट्रल एजेंसी से डरती है। कांग्रेस ने अपने लंबे शासनकाल में कभी भी दलितों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस सत्ता में रहते हुए और सत्ता से बाहर हो जाने के लंबे समय बाद भी अभी तक बीजेपी से कहीं भी जी जान से लड़ती नजर नहीं आती है।

आपको बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने मायावती को लेकर कहा था कि उन्होंने यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ा ही नहीं। अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी ने शनिवार (9 अप्रैल, 2022) को भी दिल्ली के जवाहर भवन में दलितों पर लिखी पुस्तक ‘द दलित ट्रुथ’ के विमोचन के दौरान कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे विवाद हो गया है। लोग उन पर दलितों को उकसा कर समाज में हिंसा फैलाने का आरोप लगा रहे हैं।

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