केजरीवाल सरकार नहीं दे रही पूरा फंड, सैलरी का संकट: दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों के शिक्षक-कर्मचारी हड़ताल पर

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नई दिल्ली 6 जनवरी 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डीयूटीए) ने केजरीवाल सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित डीयू के 12 कॉलेजों को पूर्ण रूप से अनुदान जारी नहीं करने के विरोध में गुरुवार (6 जनवरी, 2022) को हड़ताल का आह्वान किया है। डूटा द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इन 12 कॉलेजों के कर्मचारियों को वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान नहीं होने के कारण आप सरकार द्वारा की गई फंड में कटौती है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए डूटा की एक ऑनलाइन आपात बैठक भी सोमवार (3 जनवरी, 2022) को हुई थी। जिसमें आज गुरुवार को हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया।

डूटा ने अपने बयान में कहा है, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा फंड में कटौती किए जाने के कारण दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों में दो-छह महीने के वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे इन विभिन्न कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है।”

रिपोर्ट के अनुसार, डूटा ने कहा कि दिल्ली की आप सरकार द्वारा ग्रांट्स और फंड्स का अनियमित और अधूरा वितरण किया जाना अस्वीकार्य है। ऐसे में केजरीवाल सरकार द्वारा बरती जा रही अनियमितता के खिलाफ एसोसिएशन ने शिक्षकों से सभी आधिकारिक कार्यों से दूर रहने और हड़ताल के दिन ऑनलाइन शिक्षण का भी बहिष्कार करने की अपील की है।

डूटा के सदस्य आनंद प्रकाश ने भी हड़ताल में साथ देने की ट्विटर पर अपील करते हुए कहा, “आप सभी साथियों से अपील है कि डूटा द्वारा आयोजित हड़ताल में अपना समर्थन दें। 12 कॉलेजों में शिक्षकों कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से दिल्ली सरकार द्वारा वेतन नहीं दिया जा रहा है। मेडिकल सुविधा, एलटीसी और अन्य सुविधाएँ भी बंद कर दी गई हैं।”

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में सैलरी और अन्य भत्तों के समय से भुगतान न होने कारण हड़ताल या आंदोलन हो रहा है। पिछले काफी समय से फंड के रिलीज को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी और केजरीवाल सरकार के बीच खींचतान चल रही है।

इस विवाद के पीछे की वजहों पर बात करते हुए डूटा ने कहा कि 12 कॉलेजों में शासी निकाय का गठन विवाद की जड़ है, हालाँकि, पिछले साल 17 दिसंबर, 2021 को हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में शासी निकायों के सदस्यों के नाम दिल्ली सरकार को भेजे जाने के लिए अंतिम रूप दिए गए थे। लेकिन अभी मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है। शिक्षा पर जोर देकर दलीलें देने वाली आप सरकार का ये हाल है कि उसके द्वारा वित्तपोषित 12 कॉलेजों के शिक्षक आए दिन अपने वेतन और भत्तों के समय से भुगतान के लिए हड़ताल और आंदोलन करते नजर आते हैं।

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