केंद्र सरकार भारत को हिन्दू राष्ट्र अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति प्रकट करें : शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज

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हिंदू राष्ट्र के नाम पर किसी को भी डरने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी के पूर्वज अतीत में सनातनी हिंदू ही थे

राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के तहत पुरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती जी तीन दिवसीय प्रवास के तहत पधारे हुए हैं चण्डीगढ़

चण्डीगढ़ (विवेक गौतम)

आदि शंकराचार्य परंपरा के 145वें शंकराचार्य पूज्यपाद निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के चण्डीगढ़ प्रवास के दूसरे दिन एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के 15 देश इस वक्त हिंदू राष्ट्र बनने के लिए भारत के रुख का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार यदि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति प्रकट करें तो यह 15 देश तो अपने को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए उत्सुक दिखाई दे ही रहे हैं इसके अलावा बाद ये श्रृंखला और भी बढ़ती जाएगी। उन्होंने अपने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आरएसएस सहित कोई भी राजनीतिक संगठन खुलकर हिंदू राष्ट्र की बात नहीं कर सकता लेकिन जब हमारे जैसे संगठन हिंदू लहर पैदा कर देंगे तब यह लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए नकल करना प्रारंभ कर देंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि हिंदू राष्ट्र के नाम पर किसी को भी डरने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि सभी के पूर्वज अतीत में सनातनी हिंदू ही थे। उन्होंने कहा कि जब मैं हिंदू राष्ट्र की बात करता हूं तो देश का कोई भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक संगठन इसका विरोध नहीं कर सकता क्योंकि हम तथ्यों के आधार पर बात करते हैं। ज्ञानवापी मस्जिद विषय पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अदालत की प्रक्रिया में यह केस भविष्य में लंबा खिंचेगा। उन्होंने कहा कि आज तक किसी ने भी हिंदू राष्ट्र मार्ग पर चलने के लिए गंभीरता से कार्य नहीं किया। सभी केवल कागजी ब्यानबाजी तक सीमित रहे हैं लेकिन अब हम मैदान में खुलकर हिंदू राष्ट्र बनाने का आह्वान कर हर सनातनी घर से हिंदू सैनिक पैदा करेंगे। बहुत जल्द हिंदू लहर पैदा कर देश के करोड़ों लोगों को संगठन के साथ जोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम बनने से पहले मेरे पास घंटों बैठकर कई ज्वलंत मुद्दों पर लम्बी वार्तालाप किया करते थे लेकिन अब प्रोटोकॉल एवं अन्य मजबूरियों के कारण भेंट करना संभव नहीं है लेकिन वे हमारी बात को अब भी ध्यान से सुनते हैं।

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