महाकाल मंदिर विस्तारीकरणः पीएम मोदी इस दिन करेंगे लोकार्पण, 700 करोड़ खर्च कर रही सरकार

उज्जैनः मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर को दिव्य-भव्य बनाने का काम तेजी से चल रहा है और इसका पहला चरण पूरा होने के करीब है.
काशी के विश्वनाथ मंदिर की तरह उज्जैन के महाकाल मंदिर का वैभव बढ़ाने के लिए सरकार 700 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है. महाशिवरात्रि को मंदिर का लोकार्पण किया जा सकता है. पीएम मोदी को लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए सीएम शिवराज आज दिल्ली जाएंगे.
नए स्वरूप में दिखेगा श्री महाकाल मंदिर
बता दें कि देर रात महाकाल मंदिर विस्तार योजना के कार्यों की सीएम शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा की. मंदिर के विस्तारीकरण पर सरकार कुल 714 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. इनमें से 421 करोड़ रुपए राज्य सरकार और 271 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और 21 करोड़ रुपए मंदिर समिति खर्च कर रही है. समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने मंदिर के पहले और दूसरे चरण का प्रजेंटेशन देखा. बैठक के दौरान तय हुआ कि श्री महाकाल मंदिर को भव्य स्वरूप दिया जाएगा. आकर्षक लाइटिंग और साउंड सिस्टम से महाकाल परिसर बिल्कुल नए रूप में दिखाई देगा. श्री महाकाल मंदिर परिसर योजना के पहले चरण का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है.
पीएम मोदा करेंगे लोकार्पण
मंदिर विस्तारीकरण के पहले चरण का काम अगले 3 माह में पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद लोकार्पण की तारीख तय होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. बता दें कि इससे पहले काशी के विश्वनाथ धाम का लोकार्पण भी पीएम मोदी ने ही किया था. समीक्षा बैठक में सीएम ने निर्देश दिए कि महाकाल मंदिर के अलावा उज्जैन के अन्य मंदिरों और दर्शनीय स्थानों का भी विकास किया जाए, जिससे उज्जैन आने वाले श्रद्धालु यहां एक दो दिन रुकना चाहें.
सीएम ने कहा कि आगामी महाशिवरात्रि यानी कि एक मार्च को उज्जैन में घर-घर दीप जलाए जाएं. इसमें व्यापक जनभागीदारी होनी चाहिए. साथ ही यहां कोटि तीर्थ शुद्ध जल से भरा रहे. क्षिप्रा नदी का जलप्रवाह बना रहे. मंदिर के दूसरे चरण के विकास कार्य 2023 तक पूरे हो जाएंगे. सिंहस्थ-2028 की दृष्टि से भी यह काम महत्वपूर्ण हैं. शहर में जगह-जगह वृक्षारोपण किए जाएं, जिससे शहर सुंदर लगे.
उज्जैन का मनेगा जन्मदिन
सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह को निर्देश दिए कि जिस तरह व्यक्ति का जन्मदिन मनाया जाता है, उसी तरह उज्जैन नगर का भी जन्मदिवस मनाया जाए और इसके लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. नगर के जन्मदिवस पर शहर के विकास की ठोस रूप-रेखा भी तैयार की जाए.