पंजाब चुनाव 2022: आजाद चुनाव लड़ने की बात कहने वाले मोहिंदर सिंह केपी माने, जानें- गुरुहरसहाए में क्यों नाराज हैं कांग्रेस कार्यकर्ता

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जालंधर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ने पर अड़ने के बाद भी मोहिंदर सिंह केपी को टिकट नहीं मिला। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया। केपी को आदमपुर से चुनाव लड़वाने की बात की जा रही थी लेकिन केपी ने जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने और टिकट न मिलने पर बागी होने तक की धमकी दी थी।

इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने जब उनको ज्यादा भाव नहीं दिया तो आखिरकार मोहिंदर सिंह केपी मान गए। गुरुवार को मोहिंदर सिंह केपी ने फैसला लिया था कि वह आजाद चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी के जालंधर दौरे के बाद केपी फिर मान गए और कांग्रेस का साथ देने पर तैयार हो गए हैं। रैली के दौरान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केपी का मुंह मीठा करवाकर गिले-शिकवे दूर कर दिए हैं। कांग्रेस हाईकमान और खुद मोहिंदर सिंह केपी को पता है कि अब पश्चिम सीट पर उनकी पहले जैसी लोकप्रियता नहीं है। केपी के मानने से अब पश्चिम हलके के प्रत्याशी सुशील रिंकू और मजबूत हो गए हैं।

मुक्तसर: राजबलविंदर नहीं लड़ेंगे आजाद चुनाव
कांग्रेस नेता राजबलविंदर सिंह मराड़ ने अब आजाद लड़ने से इंकार कर दिया है। एसपी रहे राज बलविंदर सिंह मराड़ ने चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से त्याग पत्र दिया था। पिछले तीन महीनों से प्रचार व शक्ति प्रदर्शन में लगे थे। वे टिकट के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। मुक्तसर से पूर्व विधायक करन कौर बराड़ को दोबारा टिकट मिल गया। जिससे उनके चुनाव लड़ने के अरमान धरे के धरे रह गए। हालांकि इसके बाद उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने और अन्य प्रत्याशी को समर्थन देने की अफवाह उड़ती रही है।

उन्होंने यह कहकर विराम लगा दिया कि वह न तो आजाद चुनाव लड़ेंगे और न ही किसी को समर्थन दे रहे हैं। वे कांग्रेस के प्रति वफादार हैं और वफादार रहेंगे। राजबलविंदर मराड़ और उनके समर्थकों ने करन कौर बराड़ के परिवार पर व्यंग्य किया और टिकट न मिलने पर नाराजगी जाहिर की। राजबलविंदर मराड़ ने लोगों के समक्ष खुद को उनका विधायक कहा। उन्होंने कहा कि उनके दफ्तर के दरवाजे 24 घंटे लोगों के लिए खुले रहेंगे।

गुरुहरसहाए में कांग्रेस कार्यकर्ता अपने ही प्रत्याशी के विरोध में उतरे फिरोजपुर जिले की गुरुहरसहाए विधानसभा सीट पर कांग्रेस हाईकमान ने टिकट देकर पैराशूट से जैसे ही बतौर प्रत्याशी विजय कालड़ा को उतारा, वैसे ही कार्यकर्ताओं ने बैठक कर बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया और विजय कालड़ा मक्खू गो बैक के नारे लगाने शुरू कर दिए हैं। इस सीट पर कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी लेकिन पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चहेते विजय कालड़ा को चुनाव मैदान में उतारा है।

गुरुहरसहाए में कांग्रेसियों ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है और कमेटी गठित कर हाईकमान से पुनर्विचार करने की अपील की। ऐसा न होने पर अगली रणनीति तैयार करने की चेतावनी भी दी है। विरोध करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता गुरभेज सिंह टिब्बी, वेद प्रकाश कंबोज, भीम कंबोज, अमरीक सिंह, चंद्र प्रकाश, गुरजंट सिंह, स्वर्ण सिंह, बगीचा सिंह, सतनाम सिंह, ओम प्रकाश, विक्की संधू, भल्ला भट्टी ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू अपनी किसी बात पर खरे नहीं उतरे हैं।

गुरुहरसहाए हलके के रहने वाले किसी कांग्रेस नेता को टिकट न देकर कांग्रेस हाईकमान ने इनके साथ धक्का किया है। यहां से राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी (पूर्व खेलमंत्री) को चार बार लगातार विजयी बनाया गया है। वह किसी कार्यकर्ता की राय जाने बगैर भाजपा में शामिल हो गए और गुरुहरसहाए छोड़कर फिरोजपुर भाग गए हैं।

अब हाईकमान ने विजय कालड़ा को चुनाव मैदान में उतार दिया है, जो कभी गुरुहरसहाए में घुसे तक नहीं और यहां के कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में शामिल नहीं हुए। ऐसे व्यक्ति का हम सभी विरोध करते हैं। कालड़ा बाहरी व्यक्ति उन्हें पसंद नहीं हैं। वह कालड़ा का बहिष्कार करेंगे और सबक सिखाएंगे।

कांग्रेस ने दूसरी सूची जारी की है, उसमें कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराया है। बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने फैसला लिया कि कालड़ा जहां भी प्रचार करने जाएंगे, वहां पहुंचकर विरोध करेंगे और उनके खिलाफ भाषण देंगे। पहले राणा सोढ़ी ने गुरुहरसहाए के लोगों के साथ धोखा किया और अब कांग्रेस हाईकमान उनके साथ मजाक कर रही है। उधर, कांग्रेस प्रत्याशी विजय कालड़ा से मोबाइल पर संपर्क कर गुरुहरसहाए में कांग्रेसियों द्वारा विरोध किए जाने संबंधी बातचीत करनी चाही तो उन्होंने कॉल काट दी।

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