पंजाब की कांग्रेस सरकार में अब नया विवाद- डिप्टी सीएम रंधावा के दामाद एडिशनल एडवोकेट जनरल पद पर नियुक्त, विपक्ष ने उठाए सवाल

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पंजाब की कांग्रेस सरकार की राजनीति में अब एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद को एडिशनल एडवोकेट जनरल पद पर नियुक्त कर दिया गया है।

चण्डीगढ़, पंजाब 8 नवम्बर (नवीन चन्द्र पोखरियाल,सचित गौतम)

पंजाब की कांग्रेस सरकार की राजनीति में अब एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा के दामाद को एडिशनल एडवोकेट जनरल पद पर नियुक्त कर दिया गया है। इसके बाद से विपक्ष चन्नी सरकार पर हमलावर है। दरअसल रंधावा के दामाद चरुणवीर सिंह लहल को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर एडिशनल एडवोकेट जनरल पद पर नियुक्त किया गया है जिसकी अवधि 31 मार्च तक है। हालांकि इस नियुक्ति को हर साल बढ़ाए जाने का ऑप्शन भी है। ऐसे में विपक्ष ने राज्य सरकार पर भाई भतीजावाद का आरोप लगाया है।

विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाय विधानसभा चुनाव से पहले अहम विभागों में अपने लोगों की नियुक्त कर रही है। आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब के सहप्रभारी राघव चड्ढा ने कहा है कि पंजाब सरकार नौकरी देने के वादे को पूरा तो कर रही लेकिन कांग्रेस मंत्रियों और विधायकों के परिवारवालों के लिए। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ”कांग्रेस “हर घर नौकरी” के अपने प्रमुख चुनावी वादे को पूरा कर रही है, लेकिन मामूली संशोधन के साथ। इन नौकरियों के प्राप्तकर्ता कांग्रेस मंत्रियों और विधायकों के परिवार के सदस्य हैं। नवीनतम लाभार्थी उप मुख्यमंत्री रंधावा के दामाद हैं। चन्नी अनिवार्य रूप से कैप्टन की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।”

आपको बता दें कि इससे पहले कैप्टन अमरिंदर की सरकार के दौरान भी इसी तरह का विवाद खड़ा हुआ था। उस दौरान राज्य सरकार पर कांग्रेस विधायकों के दो बेटों को नौकरी देने के मामले में सवाल उठाए गए थे। विधायक फतेहजंग बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को सरकारी नौकरी दी गई थी। विवाद खड़ा हुआ तो बाजवा के बेटे ने नौकरी छोड़ दी थी।

वहीं दूसरी ओर पंजाब के कई मामलों में कांग्रेस नेता अपनी ही पार्टी की सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले की पृष्ठभूमि में सोमवार पंजाब सरकार पर निशाना साधा। मनीष तिवारी ने चरणजीत जीत चन्नी सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि अब तक केंद्र सरकार की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी गई?

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