मकर संक्रांति पर 77 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग, महा पुण्यकाल में जरूर करें स्नान-दान

चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)

15 जनवरी 2024, सोमवार को यानी कि आज पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व होता है.देश के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है. उत्तर भारत में मकर संक्रांति को खिचड़ी, गुजरात और महाराष्ट्र में उत्तरायण पर्व, दक्षिण भारत में पोंगल, असम में बिहू पर्व और बंगाल में गंगासागर स्नान के रूप में मनाया जाता है. मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्‍नान करना विशेष तौर पर गंगा स्नान करने का बड़ा महत्‍व है. इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा और दान किया जाता है. मकर संक्रांति पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के मौके पर ही मनाया जाता है. हर साल इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर में प्रवेश करते हैं.

मकर संक्रांति पर दुर्लभ संयोग

इस साल मकर संक्रांति पर विशेष शुभ योग बन रहा है. 5 साल बाद मकर संक्रांति सोमवार के दिन पड़ रही है. इससे मकर संक्रांति का दिन सूर्य देव, शनि देव के साथ भगवान शिव की भी कृपा पाने का विशेष मौका होता है. साथ ही मकर संक्रांति पर 77 साल बाद रवि योग और वरियान योग का संयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार रवियोग 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. वहीं वरियान योग 14 जनवरी को रात 02 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 15 जनवरी की रात 11 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.

मकर सक्रांति 2024 शुभ समय

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान आदि कार्य पुण्य काल में करने का विशेष महत्व होता है. इस साल मकर संक्रांति पर स्नान-दान का महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक है.

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्‍नान या पवित्र नदी में स्‍नान ना कर पाएं तो घर पर ही गंगाजल मिले पानी से स्‍नान करें. फिर सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, रोली, अक्षत, गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर अर्घ्‍य दें. इस दौरान ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें. फिर सूर्य चालीसा और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें. इसके बाद तिल, गुड़, खिचड़ी, घी, गरम कपड़े आदि का दान करें. मकर संक्रांति के दिल काली उड़द दाल-चावल की खिचड़ी, तिल गुड़ खाने और दान करने का बड़ा महत्‍व है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. आज़ाद वार्ता न्यूज पोर्टल इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *