पलटवार: हरीश चौधरी के आरोपों पर बोले कैप्टन अमरिंदर- नौकरी से निकाले गए विधायक को क्यों सफाई दूं

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पलटवार: हरीश चौधरी के आरोपों पर बोले कैप्टन अमरिंदर- नौकरी से निकाले गए विधायक को क्यों सफाई दूं

हरीश चौधरी ने कैप्टन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ सांठ-गांठ कर ली थी।

शुक्रवार को जारी बयान में कैप्टन ने कहा कि हालांकि उन्हें नहीं लगता कि एक नौकरी से बाहर किए गए विधायक, जिसे बाड़मेर में कमलेश प्रजापत के कत्ल केस में आरोपी के तौर पर नामजद किए जाने के कारण राजस्थान में मंत्री पद से बर्खास्त किया गया है और कत्ल के उक्त मामले को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीबीआई को सौंप दिया है, को किसी तरह का स्पष्टीकरण दिया जाए।

कैप्टन ने स्पष्ट किया कि अगर मैं मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री या भाजपा के साथ कोई साझेदारी करता तो मैं किसान आंदोलन की हिमायत न करता और न ही कृषि कानूनों को रद्द करने और इनके खिलाफ विधानसभा में कानून पास करने की मांग उठाता। उन्होंने कहा कि पंजाब का मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होने के नाते उन्हें प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से मिलना पड़ता था और इसी तरह उनके मंत्री भी अपने केंद्रीय समकक्ष मंत्रियों से मुलाकात करते हैं।

कैप्टन ने हरीश चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां तक कि आपका नया मुख्यमंत्री भी देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिलता है और आपके मूर्खतापूर्ण तर्क के मुताबिक तो उन्हें भी भाजपा से समझौता कर लेना चाहिए और खुद को बर्खास्त किए जाने का इंतजार करना चाहिए।

कत्ल का आरोपी मुख्यमंत्री को जारी कर रहा हिदायतें
कैप्टन ने आगे कहा कि यह पहली बार है कि किसी पार्टी इंचार्ज ने सूबे को अपना पक्का ठिकाना बनाया है। उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी के 14 इंचार्जों- प्रणव मुखर्जी, मोहसिना किदवई, जनार्दन दिवेदी के साथ काम किया है, जो पंजाब में बहुत कम ही दखल देते थे। पंजाब आना या यहीं पर सैटल होना तो बाद की बात है। कैप्टन ने याद दिलाया कि एक पार्टी इंचार्ज को सूबे में ही सैटल होने की जरूरत नहीं। उसका काम केवल आपसी तालमेल बनाए रखना और पार्टी हाईकमान को जरूरी फीडबैक देना है।

कैप्टन ने आगे कहा कि लेकिन पंजाब में एक ऐसा व्यक्ति है, जिसे उसके गृह राज्य में एक कत्ल केस में नामजद किए जाने के कारण सरकार से बर्खास्त किया गया है। अब वह पंजाब में मुख्यमंत्री की शक्ति और विशेष अधिकारों का आनंद ले रहा है और मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को एक रबर स्टांप समझकर हिदायतें जारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि चौधरी मंत्रिमंडल और अधिकारियों की अन्य बैठकों में शामिल होते रहे हैं, जो गैरकानूनी और असांविधानिक है।

चंडीगढ़ में कौन उठा रहा हरीश चौधरी का खर्च
पूर्व मुख्यमंत्री ने हरीश चौधरी द्वारा चंडीगढ़ में एक मंत्री का बंगला और पूरे पंजाब भवन को अपने अधिकार में लेने पर भी सवाल उठाए, जहां बैठकर चौधरी मुख्यमंत्री सहित बाकी मंत्रियों और अधिकारियों को आदेश देते हैं। कैप्टन ने सवाल उठाया कि हरीश चौधरी के सभी खर्चों का भुगतान आखिरकार कौन कर रहा है?

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