श्रावण अष्टमी मेले के चौथे दिन हिमाचल के शक्तिपीठों पर 1.08 लाख श्रद्धालु हुए नतमस्तक, श्री नयना देवी में रविवार को करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने भरी हाजिर

चंडीगढ, आनंदपुर साहिब, नयना देवी(आज़ाद वार्ता)

श्रावण अष्टमी मेले के चौथे दिन हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में लगभग 1.08 लाख श्रद्धालुओं ने माथा टेका व आशीर्वाद प्राप्त किया।वही श्री नयना देवी में रविवार को करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में हाजिरी लगाई।

इसके अलावा चिंतपूर्णी में 42 हजार, ज्वालामुखी में 10 हजार, बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में 1500 और चामुंडा मंदिर में 4500 श्रद्धालुओं ने माथा टेका।

नयनादेवी मंदिर में मेले के तीसरे दिन 14 लाख 96 हजार 670 की नकदी, 10 ग्राम 500 मिलीग्राम सोना, दो किलो 416 ग्राम चांदी, यूएस डॉलर एक, दो मलेशिया आरएम चढ़ाया गया। श्रावण अष्टमी मेलों का पहला रविवार होने के चलते शनिवार रात से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा मंदिर में लगना शुरू हो गया था। पंजाब, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचे।

बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर कानून व्यवस्था का जायजा लिया। उनके साथ मेला अधिकारी शिव चौधरी, डीएसपी विक्रांत भी मौजूद रहे। चिंतपूर्णी में रविवार सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह ही श्रद्धालुओं की कतार मोगा धर्मशाला तक पहुंच गई।

मंदिर प्रशासन की तरफ से छायादार टेंट नहीं लगवाए गए। इस कारण श्रद्धालुओं को कड़कती धूप के बीच कई घंटे कतार में इंतजार करने के बाद माता रानी के दर्शन हुए। सुगम दर्शन प्रणाली के तहत भी पास जारी हुए, लेकिन भीड़ बढ़ने पर लिफ्ट को बंद कर दिया गया। शनिवार रात 12 बजे से रविवार शाम 6:00 बजे तक करीब 42 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किए।

ज्वालामुखी में रविवार को लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र ज्योतियों के दर्शन किए। सुबह पांच बजे ही श्रद्धालु लाइनों में दिखे। पंजाब, चंडीगढ़ और पंचकूला से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि दर्शन सुविधाजनक हुए कोई परेशानी नहीं हुई। प्रशासन के इंतजाम बेहतर दिखे और दर्शनों का आनंद प्राप्त हुआ। मंदिर अधिकारी अनिल सौंधी ने बताया कि तीसरे नवरात्र पर भक्तों ने 3.35 लाख रुपये नकद, 440 ग्राम चांदी और 7 ग्राम सोना माता ज्वाला को अर्पित किया।

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