पंजाब-हरियाणा की नई विधानसभा पर रार! सीएम मान के मंत्री ने कहा, नहीं बनने देंगे; अनिल विज बोले- पहले घर में तो फैसला करो

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चंडीगढ़ (Chandigarh) में हरियाणा विधानसभा का नया भवन बनाने को लेकर के रार ठन गई है. पंजाब-हरियाणा दोनों के बीच तीखी नोक-झोंक देखने को मिल रही है.

भगवंत मान सरकार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि हरियाणा सरकार को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर हरियाणा अपनी विधानसभा बनाना चाहता है तो वे पंचकूला, फरीदाबाद या कुरुक्षेत्र में ऐसा कर सकते हैं लेकिन चंडीगढ़ में नहीं. दरअसल, दोनों ही राज्यों की सरकारें विधानसभा परिसर को साझा करती हैं, जोकि राजधानी चंडीगढ़ में नागरिक सचिवालय के बगल में है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से चंडीगढ़ में हरियाणा के लिए अतिरिक्त विधानसभा भवन के निर्माण के लिए भूमि की घोषणा के एक दिन बाद मंत्री का बयान आया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से अपील की कि वह हरियाणा की तर्ज पर पंजाब को अपना विधानसभा भवन बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमीन आवंटित करे और अलग हाईकोर्ट की भी मांग की. पटियाला जिले के समाना में पत्रकारों से बात करते हुए जौड़ामाजरा ने कहा कि चंडीगढ़ हमेशा पंजाब का था और रहेगा. पूरी विधानसभा इमारत भी पंजाब की है. विधानसभा भवन परिसर का एक हिस्सा भाईचारे की भावना के साथ हरियाणा को दिया गया है.
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने सीएम मान पर कसा तंज

सीएम मान और मंत्री जौड़ामाजरा के बयान पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि वे सबसे पहले अपने घर में फैसला करें कि चाहते क्या हैं. इसके बाद ही जवाब दिया जाएगा. पंजाब के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच में ही समन्वय नहीं बन पा रहा है. वहीं, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सीएम मान के इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के कदम से चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कमजोर होगा. शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री के बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम मान ने चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को आत्मसमर्पण कर दिया. यह पंजाबियों के साथ विश्वासघात है. वह विधानसभा के लिए जमीन क्यों मांग रहे हैं, जबकि चंडीगढ़ में हमारी विधानसभा है. पंजाब का अपनी राजधानी चंडीगढ़ पर अटूट अधिकार है.
केंद्र के फैसले से हरियाणा और पंजाब के बीच दरार पैदा होगी- कांग्रेस

पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चंडीगढ़ के बाहर हरियाणा के लिए नया विधानसभा परिसर स्थापित करने का आग्रह किया क्योंकि शहर पर पंजाब का एकमात्र अधिकार है. पीएम मोदी को लिखे पत्र में राणा केपी ने कहा, ‘पंजाबियों को उनके नेतृत्व वाली केंद्र की बीजेपी सरकार से काफी उम्मीदें हैं. चाहे पानी का मामला हो या पंजाब को चंडीगढ़ देने का, पंजाब के लोगों को उम्मीद थी कि आप (पीएम मोदी) उन्हें उनका हक देंगे, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से हरियाणा (चंडीगढ़ में) को नए विधानसभा भवन के लिए जमीन आवंटित करने के फैसले से दोनों राज्यों के बीच दरार और गहरी हो जाएगी. इससे पंजाब में गलत संदेश जाएगा.’

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