One Nation One Election’: पांच राज्यों में चुनावों के बाद चुनाव आयोग ने किया ये बड़ा इशारा

नई दिल्ली। चुनाव आयोग के प्रमुख सुशील चंद्रा ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के विचार का समर्थन किया और कहा कि वह एक साथ चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार और सक्षम हैं।
चंद्रा ने एएनआई न्यूज एजेंसी को बताया, ‘संविधान के अनुसार सभी चुनाव एक साथ होने चाहिए। आजादी के बाद से जो संसदीय चुनाव होते हैं, उनमें से तीन एक साथ होते हैं। बाद में ही कभी विधानसभा भंग हुई, कभी संसद, जिसने प्लान में गड़बड़ी की। एक राष्ट्र एक चुनाव एक अच्छा सुझाव है लेकिन इसके लिए संविधान में बदलाव की जरूरत है।’
चंद्रा ने कहा कि एक विधानसभा जो विधानसभा में 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी, उसे यह सोचना होगा कि क्या हम इसे संविधान के तहत खत्म कर सकते हैं या हमें देश में एक साथ चुनाव के लिए संसद का कार्यकाल बढ़ाने की जरूरत है।
पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न चुनाव के बारे में बात करते हुए चंद्रा ने कहा कि रैलियों और पदयात्राओं पर प्रतिबंध लगाना एक कठिन निर्णय था। उन्होंने कहा, ‘जब यह चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, जिसे हमने सितंबर, अक्टूबर से शुरू किया, किसी को नहीं पता था कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने वाली है। लेकिन जैसे ही हम दिसंबर के करीब पहुंचे, हमें लगा कि ओमिक्रॉन फैल रहा है। आयोग ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के साथ चर्चा की और राज्य के मुख्य सचिव और राज्य के स्वास्थ्य सचिव से बात की। हमने पाया कि COVID फैल रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘कुछ राज्यों में, सभी को टीका नहीं लगाया गया था, इसलिए आयोग ने फैसला किया कि शुरुआत के पहले सप्ताह में कोई शारीरिक रैली नहीं होगी और कोई पदयात्रा नहीं होगी, केवल डिजिटल रैली होगी और साथ ही आप घर-घर जा सकते हैं डोर-टू-डोर प्रचार, जो सीमित संख्या में होगा। आयोग की मूल अवधारणा यह है कि वोटिंग सुरक्षित हो और मतदाता भी सुरक्षित रहे।’