ऑपरेशन देवी शक्ति; पवित्र ग्रंथों के साथ 110 हिंदू और सिख एयरलिफ्ट कर भारत लाए गए

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चंडीगढ़ (केवल भारती)

दुनिया के किसी भी कोने में जब भी कोई संकट आता है तो भारत वहां मौजूद अपने हर एक नागरिक की मदद के साथ हर एक जरूरतमंद तक मदद पहुंचाता है। यही भारतीय संस्कृति है। अफगानिस्तान का ताजा उदाहरण हमारे सामने है, जहां सत्ता परिवर्तन के साथ असमंजस की स्थिति बनी तो भारत ने यहां मौजूद अपने हर एक नागरिक की सही सलातम देश वापसी के लिए ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ की शुरुआत की। इसके तहत काबुल और उसके आसपास फंसे लोगों को एयरलिफ्ट कर भारत लाने की शुरुआत की गई। इस मिशन को यह नाम भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीसीएस की बैठक में खुद देते हुए कहा,” न केवल हिंदुओं और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों को विभिन्न उड़ानों से अफगानिस्तान से वापस लाएं, बल्कि कई अफगान नागरिकों ने भी संकट की इस घड़ी में भारत आने का विकल्प चुनना पसंद किया है, इसलिए उन्हें भी भारत लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए।”

हाल ही में 24 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की वो तस्वीर आपने देखी होगी, जब अफगानिस्तान से भारत लाए गए श्री गुरू ग्रंथ साहिब के तीन पवित्र स्वरूपों को उन्होंने खुद अपने सिर पर उठाया। इसके साथ ही कई हिंदु और सिख भी भारत पहुंचे थे। कुछ ऐसा ही नजारा 10 दिसंबर को सामने आया, जब दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्‌डे पर काबुल से उड़ान भरकर हिंदू और सिख समुदाय से संबंध रखने वालों के साथ ही अफगान नागरिकों के 110 जीवन साथी पहुंचे। इन लोगों में काबुल के शोर बाजार स्थित गुरु हर राय गुरुद्वारा में आतंकी हमले के दौरान अपनी जान गंवाने वाले अफगान सुरक्षा गार्ड महराम अली का परिवार भी शामिल है। यही नहीं, अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों से तीन पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब और काबुल स्थित 5वीं शताब्दी की प्राचीन आसामाई मंदिर से रामायण, महाभारत और भगवद गीता सहित अन्य धार्मिक ग्रंथों को भी लाया गया। गुरु ग्रंथ साहिब जी के दिल्ली लाए जाने के बाद महावरी नगर स्थित गुरुद्वारा गुरु अर्जन देव ले जाया जाएगा और हिन्दू धार्मिक ग्रंथों को फरीदाबाद स्थित आसामाई मंदिर ले जाया जाएगा। भारत पहुंचने के बाद संकटग्रस्त मूल अफगान नागरिकों का पुनर्वास सोबती फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा। इस अभियान में इंडिया वर्ल्ड फोरम ने भी सहयोग किया। इसके अध्यक्ष पुनीत सिहं चंडोक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस कार्य लिए विशेष धन्यवाद दिया है।

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