पीएफआई का काला चिट्ठा -‘सरकारी अधिकारी से लेकर पीएचडी होल्डर, लाइब्रेरियन से लेकर तकनीशियन तक’, पीएफआई में शामिल थे कई नामी लोग, ट्विटर ने अकॉउंट बंद किया, वेबसाइट भी की ब्लॉक

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नई दिल्ली 29 सितम्बर 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

पीएफआई पर प्रतिबंध लगने के बाद उसके गिरफ्तार हुए शीर्ष नेताओं के बैकग्राउंड के बारे में जानकारी निकल कर सामने आ रही हैं। देश विरोधी गतिविधियों के आरोपित इस समूह के शीर्ष पर पूर्व सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट कंपनियों को चलाने वाले लोग शामिल थे। पीएफआई में कई ऐसे लोग भी शामिल थे जो प्रतिबंधित संगठन सिमी (SIMI) के सदस्य हुआ करते थे। वहीं सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्मों पर पीएफआई के एकाउंट बंद हो गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएफआई का चेयरमैन ओएमए सलाम केरल सरकार के बिजली विभाग में कर्मचारी था जो साल 2020 में सस्पेंड हो गया था। इसका उपाध्यक्ष ई एम अब्दुल रहिमान रिटायर्ड लाइब्रेरियन है जो कोचीन यूनिवर्सिटी के विज्ञान और प्रद्योगिकी विभाग में कार्यरत था। सलाम रिहैब इंडिया फॉउंडेशन से भी जुड़ा था जिसे पीएफआई के साथ ही बैन किया गया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया का राष्ट्रीय महासचिव वी पी नज़रुद्दीन जमात ए इस्लामी हिन्द का क्लर्क रह चुका है। पीएफआई का राष्ट्रीय एक्सक्यूटिव काउंसिल मेंबर पी कोया, क़तर की एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था। कोया केरल में कोझिकोड के एक सरकारी स्कूल में प्रवक्ता के भी पद पर काम कर चुका है।

इन सभी के अतिरिक्त कर्नाटक से गिरफ्तार एक अन्य राष्ट्रीय काउंसिल का एक्सक्यूटिव मेंबर अनीस अहमद एक नामी परिवार से संबंध रखता है। उसका परिवार बेंगलुरु में है जो एक बड़ी कम्पनी चलाता है जिसमें टैली ईआरपी और अन्य सॉफ्टवेयर संबंधी काम होते हैं। अनीश एरिक्शन नाम की कम्पनी में बेंगलुरु में ही ग्लोबल टेक्निकल मैनेजर के पद पर भी काम कर चुका है। सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय अनीस ही टीवी चैनलों पर पीएफआई का विभिन्न मुद्दों पर पक्ष रखता था।

पीएफआई का पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष मिनारुल शेख अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एम.ए. और इतिहास में पीएचडी है। वह कोचिंग क्लास चलाया करता था। राजस्थान में पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष आसिफ पहले प्रतिबंधित संगठन सीएफआई (कैम्पस फ्रंट ऑफ़ इंडिया) से जुड़ा था। बाद में आसिफ ग्रेजुएशन के दौरान ही पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष बन गया। केरल का प्रदेश अध्यक्ष ई अबूबकर साल 1982 में सिमी से जुड़ा था। वह प्रतिबंधित रिहैब इंडिया फाउंडेशन का भी फाउंडर मेंबर है।

पीएफआई का ट्विटर हैंडल और वेबसाइट बंद

मोदी सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) को बैन किए जाने के बाद 29 सितम्बर 2022 (गुरुवार) को उसका ट्विटर एकाउंट भी बंद कर दिया गया है। ट्विटर ने यह कदम भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा इसी माह 27 सितम्बर को जारी अधिसूचना के बाद उठाया। अब पीएफआई का ट्विटर हैंडल @PFIOofficial खोलने पर ‘कानूनी माँग पर एकाउंट को भारत में रोक दिया गया है’ की जानकारी सामने आती है। इसी के साथ पीएफआई की वेबसाइट, फेसबुक अकाउंट और यूट्यूब प्रोफाइल को भी ब्लॉक कर दिया गया है।

हालाँकि पीएफआई द्वारा राज्य स्तर पर बनाए गए हैंडल और उसके साथ बैन हुए उनके सहयोगी संस्थानों के कई खाते सोशल मीडिया पर अभी भी सक्रिय हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने पीएफआई के सहयोगी संस्थानों की भी वेबसाइट और उसके सोशल हैंडलों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स को एक अधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया है कि पीएफआई के सहयोगी संस्थानों के एकाउंट बंद करने की प्रक्रिया चल रही है जिसके निर्देश विभिन्न कंपनियों को पहले ही भेजे जा चुके हैं।

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