पीएम मोदी का विपक्ष पर प्रहार, परिवारवाद, जातिवाद, बंगाल हिंसा,भ्रष्टाचार, घोटाला…..,भाषण की दस खास बातें

चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वार्थ की राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों पर हमला बोला और कहा कि इसी वजह से लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा देश के दूर दराज वाले इलाकों तक नहीं पहुंच पाया.
उन्होंने कहा, ‘ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे जिसमें इनका खुद का भला हो इनके परिवार का भला हो, नतीजा ये हुआ कि जो आदिवासी क्षेत्र और द्वीप हैं वहां की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही.’
वे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यहां के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल का उद्घाटन करने के अवसर पर बोले रहे थे. पीएम मोदी ने कहा कि इस टर्मिनल के बन जाने से अंडमान और निकोबार द्वीप की यात्रा सुगम हो जाएगी और विशेष रूप से इस क्षेत्र में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा.
पीएम मोदी के संबोधन की 10 अहम बातें
- लोकतंत्र में, यह लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए है. लेकिन वंशवादी राजनीतिक दलों के लिए, यह परिवार का, परिवार द्वारा और परिवार के लिए है. परिवार पहले, राष्ट्र कुछ भी नहीं… यह उनका आदर्श वाक्य है… नफरत, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति है. देश वंशवादी राजनीति की आग का शिकार है. उनके लिए, केवल उनके परिवार का विकास मायने रखता है, देश के गरीबों का नहीं…
- पिछले 9 वर्षों में हमने न केवल पुरानी सरकारों की गलतियों को सुधारा है, बल्कि लोगों को नई सुविधाएं और रास्ते भी दिए हैं. भारत में विकास का एक नया मॉडल विकसित हुआ है. यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मॉडल है.
- 2024 के लिए देश के लोगों ने हमारी सरकार वापस लाने का मन बना लिया है. ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं. इन्हें देखकर मुझे एक कविता याद आती है, ‘गायित कुछ है, हाल कुछ है, लेबिल कुछ है माल कुछ है’. 24 के लिए 26 होने वाले दलों पर ये फिट बैठता है.
- विपक्षी दलों की बोठक को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘ये जो जमात इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है. जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं.’
- कहीं बाढ़ घोटाला होता है, किसी का अपहरण होता है तो कुनबे के सारे लोग चुप हो जाते हैं. कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव में सरेआम हिंसा हुई, लगातार खून-खराबा हो रहा है, इस पर भी विपक्षी दलों की बोलती बंद है.
- कांग्रेस और लेफ्ट के अपने कार्यकर्ता बंगाल में खुद को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट के नेताओं ने अपने स्वार्थ में वहां अपने कार्यकर्ताओं को भी मरने के लिए छोड़ दिया है.
- राजस्थान में बेटियों से अत्याचार हो या परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हों, इन्हें कुछ दिखाई नहीं पड़ता. परिवर्तन की बातें करके जनता से विश्वासघात करके जब करोड़ों का शराब घोटाला करते हैं, तो ये कुनबा फिर उन्हें कवर देने लगता है.
- तमिलनाडु में भ्रष्टाचार और घोटाले के अनेक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन इनके कुनबे के सारे दलों ने पहले ही सबको क्लीनचिट दे दी है. इन लोगों की साजिशों के बीच हमें देश के विकास के लिए खुद को समर्पित रखना है.
- आज अंडमान निकोबार ‘विरासत भी और विकास भी’ महामंत्र का उदाहरण बन रहा है. मेरा सौभाग्य है कि वर्ष 2018 में मैंने अंडमान में उसी स्थान पर तिरंगा लहराया जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने झंडा फहराया था. ये हमारी ही सरकार है जिसने रॉस आइलैंड को नेताजी सुभाष का नाम दिया. ये हमारी ही सरकार है जिसने हेवलॉक और नील आइलैंड को स्वराज और शहीद आइलैंड का नाम दिया है.
*बीते 9 वर्षों में अंडमान निकोबार में विकास की नई गाथा लिखी गई है. हमारे से पहले की सरकार के 9 साल में अंडमान निकोबार को करीब 23,000 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया गया था. जबकि हमारी सरकार के दौरान अंडमान निकोबार के विकास के लिए 9 वर्षों में करीब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. यानी हमारी सरकार ने यहां के विकास के लिए पहले के मुकाबले दोगुना ज्यादा पैसा खर्च किया है.
पोर्टब्लेयर में नए टर्मिनल भवन का निर्माण लगभग सात सौ दस करोड़ रुपए की लागत से किया गया है. यह टर्मिनल अंडमान और निकोबार के संपर्क को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह टर्मिनल लगभग 40 हजार आठ सौ वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है. नए टर्मिनल भवन में सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों के प्रबंधन की क्षमता है. एप्रोन अनुकूल दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 श्रेणी के विमान हवाई अड्डे पर 80 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित किए गए हैं. इस तरह इस हवाई अड्डे में एक बार में 10 विमान को पार्किंग की सुविधा मिलेगी.