कट्टरपंथी और लिबरल गैंग का एक और नया कारनामा-‘कंगना को पद्मश्री देने पर राष्ट्रपति हैं शर्मिंदा

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देश की आजादी पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान के बाद से कट्टरपंथी और लिबरल गैंग उनसे पद्मश्री सम्मान वापस लेने की माँग कर रहे हैं।

सम्मान वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से माँगी अनु​मति’ – फैक्ट चेक, क्या सच में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अकाउंट से यह ट्वीट किया गया? आइए जानते हैं सच्चाई

नई दिल्ली 20 नवम्बर (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

देश की आजादी पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान के बाद से कट्टरपंथी और लिबरल गैंग उनसे पद्मश्री सम्मान वापस लेने की माँग कर रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति के नाम से एक ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक्ट्रेस कंगना रनौत से पद्मश्री सम्मान वापस लेने की बात लिखी गई है।

ट्वीट में राष्ट्रपति के हवाले से लिखा गया है, ”कंगना रनौत द्वारा की गई टिप्पणी देश की भावनाओं को आहत करने वाली है। मैं स्वयं उन्हें पद्म पुरस्कार दिए जाने के लिए शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूँ। मेरी सरकार नरेंद्र मोदी से विनती है कि मुझे पुरस्कार वापस लेने की अनुमति दी जाए।”

यह ट्वीट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अकाउंट से मिलते-जुलते नाम से चलाए जा रहे फर्जी ट्विटर अकाउंट से किया गया था। इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को असली मानकर सोशल मीडिया पर काफी शेयर भी किया जा रहा है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति का अकाउंट और यह ट्वीट दोनों ही फर्जी हैं, जिसमें कंगना से पद्मश्री सम्मान वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से अनुमति माँगी गई है। अब इस अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे ट्वीट का फैक्ट चेक किया गया तो पता चला कि य​ह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से नहीं किया गया है। जब दोनों यानी वायरल ट्वीट और राष्ट्रपति के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट को चेक किया गया तो सामने आया कि वायरल हो रहा ट्वीट फेक अकाउंट से किया गया है।

फेक अकाउंट में ब्लू टिक नहीं लगा हुआ है, जबकि राष्ट्रपति के ऑफिशियल अकाउंट में उनके नाम के आगे वेरिफिकेशन ब्लू टिक लगा है। इसके अलावा अकाउंट नेम की स्पेलिंग गलत है। President of India की बजाए Prasident of India लिखा है। ट्विटर हैंडल @rashtrapatibhvn की बजाए @rashtrptibhvn है।

एडवोकेट श्रीकांत मिश्र ने गृह मंत्रालय, पीएमओ और दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया, ”देश के महामहिम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के अतिरिक्त एक फेक ट्विटर हैंडल अफवाह फैला रहा है। असली ट्विटर हैंडल @rashtrapatibhvn जबकि फेक ट्विटर हैंडल @rashtrptibhvn है। कृपया करके प्रशासनिक कार्रवाई करें।”

आपको बता दें कि राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है। राष्ट्रपति के नाम से ट्विटर अकाउंट बनाना और फेक खबरें फैलाना अपराध के दायरे में आता है। सरकार के नए आईटी नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को इनकी निगरानी करने की व्यवस्था करनी जरूरी है।

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