पंजाब एंटी गैंगस्‍टर टास्‍कफोर्स ने लारेंस बिश्‍नोई व हरविंदर रिंदा गैंग के 11 गुर्गों को किया गिरफ्तार

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चंडीगढ़(आज़ाद वार्ता)

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने लारेंस बिश्नोई और हरविंदर सिंह रिंदा गैंग के 11 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए गुर्गों में पांच शूटर्स है।

एजीटीएफ प्रमुख प्रमोद बान ने बताया कि इनकी गिरफ्तारी से सात कत्ल, दो गैंगस्टरों को पुलिस हिरासत से भगाने और चार डकैतियों की साजिश नाकाम हो गई है। आरोपित जिन लोगों की हत्‍या की प्लानिंग कर रहे है थे उससे राज्य का माहौल खराब हो सकता था।

प्रांरभिक जांच में पता चला है कि इस गिरोह को पाकिस्तान में बैठा हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा, कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ और उसका साथी विक्रम बराड़ चला रहा था। आरोपितों से 9 हथियार और पांच लूटे गए वाहन बरामद किए गए हैं।

ये पकड़े गए

एडीजीपी प्रमोद बान ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों की पहचान जिला मोहाली के सागर सिंह, जिला जांलधर नकोदर के मोहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी पुरेवाल, लोहियां के नवी, नकोदर के अंकुश सव्रवाल उर्फ पाया, फिल्लौर के अमनदीप उर्फ शूटर, फिल्लौर के शिव कुमार उर्फ शिव, नकोदर के विशाल उर्फ फौजी, जिला लुधियाना समराला के अमर मलिक, ऊना (एचपी) के सुमित जयसवाल उर्फ काकू, ऊना के अरुण कुमार उर्फ मनी राणा और कपूरथला के अनू उर्फ पहलवान के तौर पर हुई है।

प्रमोद बान ने बताया कि यह आप्रेशन जालंधर ग्रामीण पुलिस, जालंधर रेंज व एजीटीएफ के तालमेल से सफल हुआ है। पिछले दो महीनों के दौरान जालंधर ग्रामीण पुलिस ने राज्य भर में अलग-अलग जेलों में बंद गैंगस्टरों से संबंधित 32 गैंग सदस्यों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे में से 38 हथियार बरामद किए हैं।

हिस्ट्रीशिटर है आरोपित, सौरभ महाकाल को भी दी थी पनाह

एडीजीपी प्रमोद बान ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपितों का पुराना आपराधिक रिकार्ड है। गिरोह कई पड़ोसी छह राज्यों में सक्रिय है। कत्ल, कत्ल की कोशिश, हथियारबंद डकैती, संगठित फिरौती, डकैती और नशा तस्करी जैसे अपराधों में शामिल था। जांलधर नकोदर के मोहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी पुरेवाल एक साल से भगौड़ा है जोकि 16 आपराधिक मामलों में पुलिस को वांछित था।

उन्‍होंने बताया कि नकोदर के अंकुश सव्रवाल उर्फ पाया के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज है। प्रमोद बान ने बताया कि अंकुश पाया 2014 में नकोदर के एक आईलेंटस सेंटर में विक्रम बराड़ का स्टूडेंट था। पाया ने पुणे पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए सौरभ महाकाल को भी पनाह दी थी। इस दौरान महाकाल जब पंजाब आया तो उसने जहां आपराधिक वारदातों काे अंजाम दिया।

इन गैंगस्टरों को छुड़वाने की थी प्लानिंग

एजीटीएफ प्रमुख ने बताया कि अरुण कुमार उर्फ मनी राणा होशियारपुर जेल में बंद गैंगस्टर है, जो लारेंस-जग्गू भगवानपुरिया के इशारे पर काम कर रहा था। आरोपित ने राणा को ऊना हिमाचल प्रदेश में एक अदालती सुनवाई के दौरान पुलिस हिरासत में से भागने की साजिश रची थी। बान ने बताया की पकड़ा गए आरोपित सुमित जसवाल उर्फ काकू राणा ने इसके लिए रेकी और अन्य प्रबंध कर रहा था। वहीं लुधियाना जेल में बंद गैंगस्टर पन्नू बडाना को मोहाली में पेशी के दौरान भगाने की प्लानिंग थी।

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