पंजाब चुनाव 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कल, इन प्रमुख हाट सीटों पर रहेगी सबकी निगाहें

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पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कल 20 फरवरी को होना है। राज्य में इस बार मुकाबले रोचक हैं। अधिकांश सीटों पर बहुकोणीय मुकाबले हैं।

कई जगह दिग्गजों की सीटें भी फंसी हुई हैं। आइए राज्य की प्रमुख हाट सीटों के जातीय समीकरण व प्रत्याशियों राजनीतिक गुणा-भाग पर एक नजर डालते हैं।

1. लंबी श्री मुक्तसर साहिब में पड़ने वाली लंबी विधानसभा सीट से 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल चुनाव लड़ रहे है। 94 वर्षीय बादल पंजाब के सबसे उम्र दराज प्रत्याशी हैं। 1997 से बादल लगातार जीतते आ रहे है। उनका मुकाबला इस बार आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह खुडियां, कांग्रेस के जगपाल सिंह अबुलखुराना के साथ है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 40 फीसद, नान जट सिख: 4 फीसद उच्च जाति: 6 फीसद एससी: 40 फीसद

2. भदौड़ भदौड़ विधान सभा सीट इस बार चर्चा का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि इस सीट से मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव लड़ रहे है। 2017 में इस सीट से आप के पिरमल सिंह जीते थे। चन्नी का मुकाबला लाभ सिंह उगोके के साथ है। डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी की पत्नी मंजीत कौर भी जोर लगा रही है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 35 फीसद, नान जट सिख: 8 फीसद, उच्च जाति: 7 फीसद, ओबीसी: 12 फीसद, एससी: 32 फीसद

3. चमकौर साहिब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का गृह क्षेत्र। चन्नी इस विधान सभा सीट से तीन बार चुनाव जीत चुके है। इस बार चमकौर साहिब में मतदाता चन्नी से 111 दिन के मुख्यमंत्री काल नहीं बल्कि 15 साल के कार्यकाल का हिसाब मांग रहे है। चन्नी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के दर्शन सिंह शिवजोत और आम आदमी पार्टी के डा. चरणजीत सिंह के साथ है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 32 फीसद, नान जट सिख: 16 फीसद, एससी (अधर्मी): 25 फीसद, एससी अन्य: 10 फीसद, उच्च जाति: 11 फीसद

4. धूरी धूरी सीट पर सबसे ज्यादा गरमागरमी है। इस सीट से आप के मुख्यमंत्री चेहरा भगवंत मान चुनाव लड़ रहे है। कांग्रेस के विधायक दलवीर गोल्डी पूरी टक्कर दे रहे है। अकाली दल के प्रकाश चंद गर्ग हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे है। इस सीट पर पूरा घमासान है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 34 फीसद, नान जट सिख: 5 फीसद, उच्च जाति: 11 फीसद, ओबीसी: 15 फीसद, एससी: 28 फीसद

5. जलालाबाद जलालाबाद पर सबकी नजर रहती है। इस सीट से अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल चुनाव लड़ते है। इस बार वह मुख्यमंत्री का चेहरा भी है। पंजाब की यह एक मात्र ऐसी सीट है जहां पर एससी वोट ज्यादा है लेकिन सीट जनरल है। बादल के सामने कोई बड़ी चुनौती तो नहीं लेकिन कांग्रेस के मोहन सिंह फलियांवाला जोर लगा रहे है।

जातीय समीकरण

जाट सिख: 10 फीसद, नान जट सिख: 56 फीसद, एससी: 23 फीसद, उच्च जाति: 11 फीसद

6. पटियाला शहरी शाही शहर पटियाला में दो बार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने राजनीतिक जीवन की अंतिम पारी खेल रहे है। कैप्टन को इस सीट पर कभी चुनौती नहीं मिली लेकिन कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरे कैप्टन को इस बार कांग्रेस के विष्णु शर्मा चुनौती दे रहे है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 18 फीसद, नान जट सिख: 25 फीसद, उच्च जाति: 20 फीसद, ओबीसी : 20 फीसद, एससी: 11 फीसद

7. अमृतसर ईस्ट पंजाब के सबसे हाट सीटों में शुमार इस विधानसभा क्षेत्र में नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के बिक्रम सिंह मजीठिया एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। चर्चा में भले ही इस सीट पर यह दोनों ही नेता आगे हो लेकिन आप की जीवनजोत कौर और भाजपा के जगमोहन सिंह राजू मुकाबले को चारकोणीय बनाए हुए है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 28 फीसद, नान जट सिख: 4 फीसद, उच्च जाति: 15 फीसद, ओबीसी: 25 फीसद, एससी: 22 फीसद

8. जालंधर कैंट बेहद रोचक लड़ाई में फंसा हुआ है जालंधर कैंट। कैबिनेट मंत्री परगट सिंह की साख दांव पर लगी हुई है। अपने समय के फुलबैक हाकी खिलाड़ी पद्मश्री परगट सिंह पर अकाली दल के जगबीर बराड़ और भाजपा के सरबजीत कौर मक्कड़ लगातार हमला कर रहे है। लड़ाई तिकोणीय बनी हुई है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 16 फीसद, नान जट सिख: 12 फीसद, एससी: 35 फीसद, उच्च जाति: 21 फीसद

9. समराला इस सीट पर पूरे देश की निगाहे लगी हुई है। तीन कृषि कानूनों के कारण किसानों ने 1 साल तक दिल्ली के बार्डर पर धरना दिया। किसान आंदोलन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल समराला सीट से अपनी पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा बनाकर लड़ रहे है। राजेवाल अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरा भी है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 42 फीसद, नान जट सिख: 6 फीसद, एससी: 32 फीसद, उच्च जाति: 13 फीसद

10. बठिंडा शहरी लोक सभा हो या विधान सभा बठिंडा शहरी हमेशा से ही हाट रही है। बादल परिवार का गढ़ है बठिंडा। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल दूसरी बार यहां से चुनाव लड़ रहे है। हिंदू बाहुल इस सीट पर बादल को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस सीट पर भाजपा के राज लंबरदार और जगरूप सिंह गिल तगड़ी चुनौती पेश कर रहे है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 18 फीसद, नान जट सिख: 30 फीसद, उच्च जाति: 15 फीसद, एससी: 21 फीसद

11. मानसा पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला कांग्रेस की टिकट पर पहली बार राजनीति में अपना भाग्य आजमा रहे है। मूसेवाला युवाओं में काफी लोकप्रिय है। मूसेवाला भले ही अपनी लोकप्रियता के दम पर मजबूत दावा पेश कर रहे हो लेकिन आम आदमी पार्टी भी इस सीट पर मजबूत दावेदारी रखती है। 2017 में यहां से आप की विजय हुई थी।

जातीय समीकरण

जट सिख: 36 फीसद, नान जट सिख: 15 फीसद, उच्च जाति: 9 फीसद, एससी: 29 फीसद

12. पठानकोट भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है। भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा अपना भाग्य आजमा रहे है। 2017 में यहां से कांग्रेस के अमित विज चुनाव जीते थे। अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने पहली बार पंजाब में अपनी पूरी ताकत झोंकी है। पठानकोट में अश्वनी शर्मा के साथ भाजपा की भी उम्मीदें टिकी हुई है।

जातीय समीकरण

जट सिख: जट सिख: 6 फीसद, नान जट सिख: 3 फीसद, ओबीसी: 35 फीसद, एससी: 20 फीसद, उच्च जाति: 21 फीसद

13. फिरोजपुर शहरी इस सीट पर भाजपा का मजबूत आधार रहा है। भले ही दो बारों से भाजपा को यहां पर जीत नहीं मिली हो लेकिन यह सीट भाजपा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बार कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी कांग्रेस के विधायक परमिंदर पिंकी को कड़ी चुनौती दे रहे है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में आप भी दम दिखा रही है।

जातीय समीकरण

जट सिख: 25 फीसद, नान जट सिख: 6 फीसद, उच्च जाति: 21 फीसद, ओबीसी: 15 फीसद, एससी: 21 फीसद

14. मजीठा इस सीट पर हमेशा ही सभी की नजर रहती है। क्योंकि इस सीट से अकाली दल के सबसे विवादित नेता बिक्रम सिंह मजीठिया चुनाव लड़ते रहे है। 2017 में जब कांग्रेस ने सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ किया था तब भी मजीठिया रिकार्ड मतों से यहां से जीते थे। इस बार उनकी पत्नी गनीव कौर मजीठिया चुनाव लड़ रही है।

जाती समीकरण

जट सिख: 42 फीसद, नान जट सिख: 4 फीसद, एससी: 37 फीसद, उच्च जाति: 5 फीसद, मुसलिम: 2 फीसद, ईसाई: 2 फीसद

15. कादियां कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रताप सिंह बाजवा एक दशक बाद विधान सभा चुनाव मैदान में उतरे हैं। बाजवा परिवार का इस सीट पर कब्जा रहा है, लेकिन इनके इस गढ़ को आप, अकाली दल और शिरोमणि अकाली दल संयुक्त के प्रत्याशियों से चुनौती मिल रही है। इस सीट पर जीत हार का सीधा असर बाजवा के राजनीतिक करियर पर पड़ेगा।

जातीय समीकरण

जट सिख:51 फीसद, नान जट सिख: 4 फीसद, एससी: 14 फीसद, उच्च जाति: 9 फीसद ईसाई: 4 फीसद, मुसलिम: 2 फीसद

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