Punjab Election 2022: गुरनाम सिंह चादुनी ने बनाई संयुक्त संघर्ष पार्टी, पंजाब चुनाव में उतारेगी उम्मीदवार

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों का विरोध करने में आगे रहने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चादुनी ने अपनी पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया है। गुरनाम सिंह चादुनी की मीडिया को संबोधित करते हुए संयुक्त संघर्ष पार्टी की घोषणा की।

प्रेस वार्ता के दौरान किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी राजनीतिक पाटियों को लेकर भी निशाना साधा।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चादुनी की पार्टी अगले साल होने वाले पंजाब चुनावों में अपने उम्मीरदवार उतारेगी। वहीं किसान आंदोलन में शामिल हुए पंजाब के दूसरे बड़े चेहरा बलबीर सिंह का नाम भी आम आदर्मी पार्टी के सीएम उम्मीदवार के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत ने किसी भी तरह से चुनाव लड़ने और दूसरी पार्टियों से अपने फोटो का प्रचार में शामिल करने से मना कर दिया है।

चादुनी ने कहा, ”राजनीति प्रदूषित हो गई है। इसे बदलने की जरूरत है। पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाले नीति निर्माताओं, पूंजीपतियों के पक्ष में नीतियां बनाई जा रही हैं। आम आदमी, गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए, हम अपनी नई पार्टी, संयुक्त संघर्ष पार्टी लॉन्च कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ”देश में पार्टियों की कमी नहीं है परन्तु आज देश में बदलाव की ज़रूरत है। इन पार्टियों ने राजनीति को व्यापार बना लिया है। राजनीति में बदलाव लाने के लिए, राजनीति को शुद्ध करने के लिए हम अपनी नई धर्मनिरपेक्ष पार्टी ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ लॉन्च कर रहे हैं।”

चादुनी का राजनीतिक दल बनाने का फैसला पंजाब में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है। 26 नवंबर को बीकेयू नेता ने देश के सामने एक ‘पंजाब मॉडल’ रखने की पेशकश की थी ताकि बाकी राज्य एक उदाहरण के रूप में अनुसरण कर सकें।

तब मीडिया से बात करते हुए चादुनी ने कहा, “मैं पंजाब चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, बल्कि लोगों को चुनाव लड़ने और एक मॉडल (शासन का) पेश करने के लिए इकट्ठा कर रहा हूं। हम चुनाव के लिए अपनी पार्टी बनाएंगे, अगर हमारी सरकार पंजाब में आती है, तो 2024 (राष्ट्रीय) चुनावों में पूरा देश पंजाब मॉडल को देखेगा।”

उन्होंने कहा, “हम ‘मिशन पंजाब’ चला रहे हैं, जिनके पास वोट हैं उन्हें शासन करना चाहिए, न कि जिनके पास पैसा है। पुराने नियम, कानून मतदाताओं के पक्ष में बनेंगे, लेकिन अगर बाद वाले हैं, तो कानून अमीरों के पक्ष में बनेंगे।”

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