पंजाब चुनाव 2022: संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से बनाई दूरी

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चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संगठन अब संयुक्त किसान मोर्चा (एस.के.एम.) का हिस्सा नहीं होंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले एस.के.एम. के नेताओं ने शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर कुंडली में बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय किसान यूनियन (बी.के.यू.) के नेता राकेश टिकैत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने के लिए दबाव बनाने को लेकर जनवरी में 3 दिनों के लिए उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जाएंगे। अजय मिश्रा के बेटे पर पिछले साल प्रदर्शनकारी किसानों की गाड़ी से कुचलकर हत्या करने का आरोप है।

एस.के.एम. के नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘टिकैत पीड़ितों, जेल में बंद किसानों और अधिकारियों से मिलेंगे। यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो किसान संगठन लखीमपुर में धरना दे सकते हैं।’ सिंह ने यह भी कहा कि एस.के.एम. पंजाब में चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठनों से सहमत नहीं है और वे अब एस.के.एम. का हिस्सा नहीं होंगे। उन्होंने कहा, ‘चुनाव में भाग लेने वाले संगठन एस.के.एम. का हिस्सा नहीं हैं। हम आगामी दिनों में एस.के.एम. की बैठक में उनके साथ अपने संबंधों के बारे में फैसला करेंगे।’ एस.के.एम. नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, ‘एस.के.एम. का उनसे (चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठनों से) कोई लेना-देना नहीं है।’

दिल्ली की सीमाओं पर साल भर से ज्यादा समय तक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का हिस्सा रहे एस.के.एम. के 2 प्रमुख नेता गुरनाम सिंह चढूनी और बलबीर सिंह राजेवाल ने पंजाब में चुनावी मुकाबले में उतरने की घोषणा की है।

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