पंजाब विस चुनाव: 166 नेताओं की जमानत हुई जब्त, भाजपा के सबसे ज्यादा 54 की गई जमानत, कांग्रेस रही दूसरे नंबर पर

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पंजाब में 2022 के चुनावी रण में पंजाब के मतदाताओं ने सियासी दिग्गजों सहित 166 नेताओं को सिरे से खारिज कर दिया। 16.7 प्रतिशत से कम मत मिलने के कारण आयोग की ओर से इनकी जमानत राशि जब्त कर ली गई। 54 प्रत्याशियों की जमानत राशि जब्त कराकर भाजपा नंबर एक पर रही।

सरकार बनाने जा रही आप के सिर्फ एक नेता इस सूची में शामिल हैं।
जमानत गंवाने वालों में भाजपा के सबसे अधिक उम्मीदवार 54 हैं, इसके बाद कांग्रेस के 30, शिरोमणि अकाली दल के 27 और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक के कांग्रेस 27, शिअद की इस चुनाव में सहयोगी रही बहुजन समाज पार्टी के 13, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के 14 और आम आदमी पार्टी के एक उम्मीदवार हैं।

हैरानी की बात कैप्टन अमरिंदर के लिए रही, जिनकी पार्टी ने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ कैप्टन ही जमानत राशि बचाने में सफल रहे। आप के एकमात्र उम्मीदवार, जिन्होंने अपनी जमानत खो दी, वे भुलत्थ से राणा रणजीत सिंह हैं, जिन्हें सिर्फ 13612 वोट मिले। कोई भी उम्मीदवार जो कुल वैध मतों के एक-छठे 16.7 प्रतिशत से अधिक प्राप्त करने में विफल रहता है, उम्मीदवार की जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षा राशि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 10000 रुपये और एससी और एसटी के लिए 5000 रुपये है।

एक पूर्व मुख्यमंत्री की भी हुई जमानत जब्त
जमानत राशि गंवाने वालों में एक पूर्व मुख्यमंत्री, पांच पूर्व कैबिनेट मंत्री और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। इनमें कांग्रेस की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल (लहरगागा), कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा (अमलोह), उद्योग मंत्री गुरकीरत कोटली (खन्ना) और वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत (नाभा) शामिल हैं।

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