राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, जो कुछ कामना है,इस देश के लिए न्योछावर कर देना

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मुंबई, चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)

नागपुर में स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से बाल स्वयंसेवकों का शारीरिक कौशल नवोन्मेष का आयोजन किया गया। जिसमें तकरीबन 800 बाल स्वयंसेवक ने इसमें भाग लिया।
इनमें 13 से 16 वर्षों के बाल स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। इस समारोह में बाल स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ में कोई व्यक्ति हमारे सामने आदर्श नहीं है। हमारे सामने जो आदर्श है, वो भगवा ध्वज है। हमारे सामने तत्व रूप हैं तथा तत्व रूप में कोई प्रतीक है तो वह भगवा ध्वज है।

उन्होंने कहा कि पुराने काल में रामभक्त श्री हनुमान हमारे आदर्श हैं तथा इतिहास काल के छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे आदर्श हैं। अपने देश को विश्वगुरु बनाना है, क्योंकि इस देश की आज सारे विश्व को जरुरत है तथा हम इस देश की संतान है तो हमारा जीवन इस देश के लिए है। जो कुछ कमाना है, उस देश के लिए न्योछावर कर देना। हम सभी लोगों को नई पीढ़ी की चिंता करनी चाहिए।

बता दें कि एक दिन पहले ही नागपुर में एक पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें अपने धर्म पर दृढ़ रहना चाहिए, भले ही इसके लिए हमें मरना ही क्यों ना पड़े। उन्होंने कहा कि सनातक धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। जब जब हिंदू राष्ट्र की उन्नति होती है, वो धर्म के उन्नति के लिए होती है। अब ईश्वर की इच्छा है कि हिन्दू धर्म का उत्थान हो। विश्व के सार को धारण करने वाला भारत सदा अमर और अपराजित रहा है। धर्म इस देश का सत्व (प्रकृति) है, सार है। सनातन धर्म, हिंदू राष्ट्र है जब भी हिंदू राष्ट्र का उत्थान होता है तो वह देश के लिए होता है। धर्म का दायरा बहुत बड़ा है जिसके बिना जीवन नहीं चल सकता।

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