देश में रहने वालों जरा इस समाचार को ध्यान से पढ़िए और कुछ सोचिए भी-कराटे के नाम पर पीएफआई के कैंपों में गला काटने और बॉडी पार्ट अलग करने की ट्रेनिंग, मुस्लिमों को भर्ती कर किया जा रहा था ब्रेनवॉश, एनआईए ने दायर की है अब चार्जशीट

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चंडीगढ, नई दिल्ली 30 दिसम्बर 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल,विवेकगौतम कोटला)

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ लगातार देश में चारों तरफ कार्रवाई कर रही है। इस दौरान नए खुलासे भी हो रहे हैं। एनआईए ने शुक्रवार (30 दिसंबर 2022) को हैदराबाद की एक अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें एजेंसी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 11 लोग आतंकी ट्रेनिंग कैम्प चलाते थे।

एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, अब्दुल कादिर तेलंगाना के निजामाबाद में कराटे सिखाने के नाम पर कैंप चला रहा था। कादिर सहित ये 11 आरोपित प्रतिबंधित संगठन में मुस्लिमों की भर्ती करते था। उन्हें देश विरोधी बातें सिखाते थे। पीएफआई इन कराटे कैम्पों की आड़ में बड़ी फंडिंग कर रहा था और इसके लिए वह विदेशों से पैसे ले रहा था।

कैम्प में मुस्लिम युवाओं को कराटे के बहाने लोगों पर हमला करने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। कैम्प में उन्हें किसी व्यक्ति के गले, पेट और सिर पर चाकू, दरांती और लोहे से वार करने के बारे में सिखाया जाता था। गला काटने और बॉडी पार्ट को काटने की ट्रेनिंग दी जाती थी। उन्हें यह भी बताया जाता था कि आतंकी वारदातों को कैसे अंजाम दिया जाता है।

पीएफआई मार्शल आर्ट्स ट्रेनर और हिट स्क्वाड के सदस्य मोहम्मद मुबारक को एनआईए ने हिरासत में लिया था। वह केरल उच्च न्यायालय में एक अटॉर्नी के रूप में काम करता था। इन कैंपों में 200 लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही थी। इस मामले में पुलिस ने यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार (29 दिसंबर 2022) तड़के केरल में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 56 ठिकानों पर छापेमारी की थी। छापेमारी पीएफआई के उन सदस्यों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई जो देश के खिलाफ साज़िश रच रहे थे। इनमें वे ओवर ग्राउंड वर्कर भी शामिल हैं, जो आधिकारिक तौर पर पीएफआई के सदस्य नहीं हैं, लेकिन उसके लिए काम करते हैं।

सितंबर 2022 में बैन किए जाने के बाद से केरल में पीएफआई के खिलाफ एनआईए की यह 5वीं रेड है। एनआईए सूत्रों की मानें तो केरल में ही पीएफआई के सबसे ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं और बैन किए जाने के बाद भी अपनी गतिविधियाँ जारी रखे हुए हैं। एनआईए सहित अन्य एजेंसियाँ उन पर नजर बनाए हुए है।

आपको बता दें कि एनआईए ने इससे पहले 20 दिसंबर 2022 को केरल के कोच्चि में एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष बताया था कि पीएफआई के कुछ नेताओं के आईएसआईएस और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों से संबंध हैं । एनआईए ने कहा था कि पीएफआई के कई सरगना इस्लामिक स्टेट और अलकायदा के आतंकवादियों के संपर्क में थे और एजेंसी के पास इसका सबूत है। एनआईए की जाँच के अनुसार, प्रतिबंधित इस्लामी संगठन एक गुप्त शाखा भी चलाता था।

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