Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन में नाजुक हालात को देखते हिमाचल समेत इन राज्य सरकारों ने केंद्र से लगाई गुहार, उत्तराखंड ने जुटाई 78 छात्रों की जानकारी

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रूस और यूक्रेन (Ukraine Russia Crisis) में युद्ध की शुरुआत के बाद वहां रह रहे भारतीयों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यूक्रेन में उत्तराखंड ( Uttarakhand ), हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ), छत्तीसगढ़( Chhattisgarh ), राजस्थान और महाराष्ट्र के छात्र बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं.

ऐसे में इन राज्य सरकारों ने छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार ने मदद की अपील की है. राज्य सरकारों ने इन छात्रों को देश वापस लाने की गुहार लगाई है. यूक्रेन से राजस्थान के 17 छात्रों को गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया था. इन छात्रों को दिल्ली पहुंचने के बाद राजस्थान के लिए रवाना कर दिया गया था. वहीं नोडल अधिकारी धीरज श्रीवास्तव ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजस्थान के 17 विद्यार्थी यूक्रेन से दिल्ली पहुंचे चुके हैं. वहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से मांग की है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कदम उठाए जाएं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूक्रेन में अभी भी 18 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं. भारत ने यूक्रेन से एयरलिफ्ट करने का ऑपरेशन शुरू किया था. लेकिन हमले के बाद इसे रोकना पड़ा. वहीं यूक्रेन से भारतीयों को लेने के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट को वापस दिल्ली लौटना पड़ा. जबकि कल कीव से यूक्रेन इंटरनेशनल एयर लाइंस का एक विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा था. इस विमान में 182 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लाया गया था.

उत्तराखंड सरकार ने जारी किया टोल फ्री नंबर

वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के छात्र और अन्य लोग जो यूक्रेन में फंसे हैं उनके लिए हम लगातार विदेश मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ संपर्क में है. इसके लिए हमने एक नोडल अधिकारी को नियुक्त कर टोल फ्री नंबर जारी किया है. हमारी सरकार हर संभव मदद करेगी. वहीं सरकार ने यूक्रेन में रहने वाले उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षा के लिए दो पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है. वहीं उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड का जनरल हेल्प लाइन नंबर है 112 उसपर यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के लोगों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बोला गया है. अब तक 78 लोगों की जानकारी हमें मिल गई है.

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