शर्मनाक कृत्य- पाकिस्तान में हिंदू मंदिर पर हमला, कराची में कट्टरपंथियों ने दुर्गा मूर्ति को तोड़ा, 22 महीने में 9वां हमला,हिंदू आबादी में भी दहशत बनी

नई दिल्ली 21 दिसम्बर (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
पाकिस्तान से एक बार फिर शर्मनाक कृत्य की खबर सामने आई है। पाकिस्तान के कराची में कट्टरपंथियों ने इस बार नरियन पोरा हिंदू मंदिर पर हमला किया है। जहां कट्टरपंथियों ने मां दूर्गा के मंदिर में तोड़फोड़ करने के साथ ही मां दूर्गा की मूर्ति के धड़ को तोड़ा है। पाकिस्तानी पत्रकार वीनगास ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। वीनगास ने अपने ट्वीट में साथ ही कहा है कि पिछले 22 महीने में यह हिंदू मंदिरों पर 9वां बड़ा हमला है।
पाकिस्तानी पत्रकार वीनगास ने अपने ट्वीट कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जारी नोटिस और सरकार की तरफ से मंदिरों की रक्षा के लिए किए जा रहे दावे के बावजूद कि 22 महीनों में यह हिंदू मंदिर पर यह 9वां हमला है, कुछ भी नहीं बदला है। यह तब होता है जब अपराधियों को मुक्त चलने दिया जाता है। गौरतलब है कि इससे पहले भी कट्टरपंथी पाकिस्तान में कई मंदिरों पर हमले कर चुके हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की तरफ से हिंदू मंदिरों पर बीते कुछ सालों में हुए हमलों के मामले में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट सख्त रूख अख्तियार कर चुका है। पाकिस्तान के पंजाब सूबे में गणेश मंदिर पर कट्टरपंथियों की तरफ से किए गए हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सूबे के मुख्य सचिव और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस तलब किया था। वहीं इस मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना के 24 घंटे बाद बयान जारी करते हुए मंदिर के जीर्णोद्धार का वायदा किया था। इमरान खान ने ट्वीट कर कहा था कि वह रहीम यार खान के भोंग में गणेश मंदिर पर हमले की वह कड़ी निंदा करते हैं, उन्होंने आईजी पंजाब को सभी दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और पुलिस की किसी भी लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।
बीते साल पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) में कट्टरपंथियों ने करक मंदिर पर हमला करते हुए तोड़ दिया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के जीर्णोद्धार का फैसला सुनाया था, वहीं मंदिर पर हमले के आरोपियों से मंदिर के जीर्णोद्धार पर लग रहे 3.30 करोड़ रुपये के खर्च की वसूली के आदेश भी दिए थे। हालांकि इस मामले में हिंदू संगठन ऑल पाकिस्तान हिंदू काउंसिल ने बड़ा दिल दिखाते हुए 11 धार्मिक नेताओं पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान अपने फंड से करने का फैसला किया था।