शनि अमावस्या विशेष: एक-दो नहीं बल्कि 9 वाहनों की सवारी करते हैं शनि देव, प्रत्येक वाहन का है अपना अलग महत्व

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मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि, देवपितृकार्ये शनैश्चरी अमावस्या होगी. इस बार ये शनैश्चरी अमावस्या शनिवार, 4 दिसंबर को पड़ रही है. शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या तिथि को शनैश्चरी अमावस्या या शनि अमावस्या कहते हैं.

बताते चलें कि प्रत्येक अमावस्या तिथि, देव पितृकार्यों के लिए सर्वोत्तम तिथि मानी जाती है. यह तिथि अपने पूर्वजों को याद करने के लिए एक महत्वपूर्ण तिथि है.

इस दिन जिन लोगों की शनि की साढ़ेसाती खतरनाक स्थिति में चल रही है या जन्म कुंडली में शनि पीड़ित है या लोग शनि महादशा से त्रस्त हैं या व्यक्ति घर परिवार में किसी भी प्रकार के पूर्वजों के दोष से पीड़ित हैं तो वह इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, दान-पुण्य के द्वारा अपने सभी संकटों से मुक्ति पा सकते हैं. आज हम यहां आपको सूर्यपुत्र शनिदेव के 9 वाहनों के बारे में बताने जा रहे हैं और उनका महत्व भी जानेंगे.

हंस

शनिदेव का वाहन हंस हो तो ये बहुत शुभ माना जाता है. अपनी बुद्धि और मेहनत करके भाग्य का पूरा सहयोग ले सकते हैं. इस अवधि में आर्थिक सुधार देखने को मिलता है. हंस को शनि के सभी वाहनों में सबसे अच्छा वाहन कहा गया है.

मोर

शनि की का वाहन मोर हो तो ये शुभ फलदायी होता है. इस समय अपनी मेहनत के साथ-साथ भाग्य का साथ भी मिलता है. इस दौरान समझदारी से काम करने पर बड़ी-बड़ी परेशानी से भी पार पाया जा सकता है.

सियार

यदि शनि का वाहन सियार हो तो शुभ फल नहीं मिलता है. इस दौरान अशुभ समाचार मिलने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं. इस स्थिति में बहुत ही हिम्मत से काम लेना होता है.

भैंसा

यदि शनिदेव का वाहन भैंसा हो तो मिला-जुला फल प्राप्त होता है. इस स्थिति में समझदारी और होशियारी से काम करना ज्यादा बेहतर होता है. यदि सावधानी से काम नहीं लेंगे तो कटु फलों में वृद्धि होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं.

कौआ

शनि का वाहन कौआ हो तो इस अवधि में कलह में बढ़ोतरी होती है. परिवार या दफ्तर में किसी मुद्दे को लेकर कलह या टकरावों की स्थिति से बचना चाहिए. इस समय में शांति, संयम और मसले को बातचीत से हल करने का प्रयास करना चाहिए.

हाथी

शनि का वाहन हाथी हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है. यह लोगों की आशा के विपरीत फल देता है. इस स्थिति में साहस और हिम्मत से काम लेना चाहिए.

सिंह

शनि की सवारी सिंह हो तो शुभ फल मिलता है. इस समय समझदारी और चतुराई से काम लेना चाहिए. इससे शत्रु पक्ष को परास्त करने में मदद मिलती है.

घोड़ा

यदि शनिदेव का वाहन घोड़ा हो तो शुभ फल मिलते हैं. इस समय समझदारी से काम लें तो अपने शत्रुओं पर आसानी से विजय पा सकते हैं. घोड़े को शक्ति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए व्यक्ति इस समय जोश और ऊर्जा से भरा होता है.

गधा

जब शनिदेव का वाहन गधा होता है तो यह शुभ नहीं माना जाता. शुभ फलों के मिलने में कमी होती है. इस स्थिति में कार्यों में सफलता प्राप्त करने में लिए काफी प्रयास करना होता है.

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