राष्ट्रीय मेला की ममता की मांग का पुरी के शंकराचार्य का समर्थन, गंगासागर पहुंचे 31लाख तीर्थयात्री

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पश्चिम बंगाल, चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग का पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने समर्थन किया है.

शंकराचार्य ने कहा कि इस गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने का उनका मत है. बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही केंद्र सरकार से इस मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा देने का अनुरोध कर चुकी हैं. इस बीच मेले में पांच जनवरी से 13 जनवरी तक 31 लाख तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं.

पुरी के शंकराचार्य ने जोशी मठ का उल्लेख करते हुए कहा कि पर्वतों को तोड़कर सभ्यता का विकास ठीक नहीं है. विकास शब्द का अर्थ है व्यक्तियों और वस्तुओं का विकास. विकास के नाम पर विस्फोट नहीं होना चाहिए.

विकास के नाम पर नहीं हो विस्फोट-बोले स्वामी निश्चलानंद

उन्होंने कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं और विकास के नाम पर इसका विस्फोट नहीं करते हैं, तो प्रकृति इसका प्रतिफल देगी, लेकिन उनके अनुसार जोशीमठ की मौजूदा स्थिति उपहास और आलोचना का समय नहीं है. सरकार जो कर रही है उसका समर्थन किया जाना चाहिए. शंकराचार्य ने कहा, “मैंने खुद विज्ञान पढ़ा है. उसे मना मत करो। लेकिन दर्शनशास्त्र में भी मेरी विशेष रुचि है. विकास के नाम पर विस्फोट करना विज्ञान नहीं है. मैं एक संतुलन का सुझाव दूंगा. इस संतुलन को बनाए रखना कितना जरूरी है, इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कोविड का विषय उठाया.” उन्होंने कहा, “हम पानी को प्रदूषित कर रहे हैं. हमने हवा को जहरीला बना दिया है. इस तरह ईश्वर की रचना पल-पल नष्ट हो रही है. इससे चीन, जापान और अमेरिका की स्थिति कोरोना से पहले ही उजागर हो चुकी है. कोरोना के कारण पूरी दुनिया में प्राचीन भारतीय ताजी हवा वापस आ गई है. हमारे हिन्दू शास्त्रों में बहुत पहले से कहा गया है कि हाथ धोना, खाना नहीं खाना. कोरोनादेवी ने फिर से वो सब लौटा दिया.”

5 जनवरी से अभी तक गंगासागर पहुंचे 31 लाख तीर्थयात्री

बाद में राज्य के मंत्री अरुप विश्वास ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 14,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. बैरिकेड्स, पुलिस कैंप बनाए गए हैं. सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ तैनात है. भारत के अलावा विदेशों से भी लोग आए हैं. भक्तों को बंगाली, हिंदी, तमिल के अलावा विभिन्न भाषाओं की घोषणा की जा रही है. हर वाहन की जीपीएस ट्रैकिंग लगी हुई है. मेगा कंट्रोल रूम से निगरानी किया जा रहा है. मेले में 21 विशाल स्क्रीन लगाए गये हैं. मेले को पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए प्लास्टिक एक्सचेंज प्रोग्राम लिया गया है. 5 से 13 जनवरी तक 31 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं. ऑनलाइन बुकिंग से 40 लाख लोगों ने दर्शन किए. 1834 लोगों ने स्नान किया. 10 लाख 50 हजार लोगों ने पूजा की हैं.

गंगासागर मेले में एक की मौत, तीन पड़े बीमार, पुलिस ने 29 को किया गिरफ्तार

उन्होंने कहा कि 8-17 जनवरी को मेले में आने वालों का 5 लाख का बीमा की व्यवस्था है. तीन बीमार तीर्थयात्रियों को एयर एंबुलेंस से एमआर बांगुर में भर्ती कराया गया है. एक की हार्ट अटैक से मौत हो गई. उम्र 75 है और वह महाराष्ट्र से हैं. जेबकतरा की 12 घटनाएं घटी है. चोरी की रकम 30 हजार के करीब बरामद किए गये हैं. विभिन्न असामाजिक कृत्यों के लिए 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मकर स्नान का पुण्य समय कल शाम 6 बजकर 53 मिनट से है. इस बार गंगासागर मेला सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा. 30 हाइलाइट टावर लगाए गये हैं. अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि गंगासागर में 11 अस्थाई फायर स्टेशन, 300 हाइड्रेंट, 50 मोटरसाइकिल अग्निशामक यंत्र, 11 पंप हाउस और 10 टेंडर के साथ 200 फायरमैन तैनात किये गये हैं.

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