पाकिस्तान के लिए जासूसी- पंजाब से एक संदिग्ध जासूस हुआ गिरफ्तार,सोशल मीडिया के जरिए खुफिया जानकारी पाकिस्तान भेजने का बड़ा आरोप

चण्डीगढ़, पंजाब 3 मई 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
पंजाब के पठानकोट जिले में पंजाब पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, उसने एक ऐसे संदिग्ध को गिरफ्तार किया है जिस पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
पठानकोट पुलिस की ओर से पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके के नजदीक की खुफिया जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान में भेजने वाले एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब पुलिस की ओर से पकड़े गए संदिग्ध आरोपी से पूछताछ लगातार जारी है। पकड़े गए व्यक्ति पर जासूसी सहित ऑर्म्स एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। पकड़े गए संदिग्ध की पहचान जगदीश सिंह उर्फ जग्गा निवासी गांव फत्तोचक नरोट जयमल सिंह के रूप में हुई है।
सोशल मीडिया के जरिए पाक मैसेज भेजने का आरोप
पूछताछ में अभी तक की जानकारी में पता लगा है कि ये व्यक्ति बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य सैन्य मूवमेंट की जानकारी भी सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान में भेज रहा था।
पठानकोट के थाना नरोट जैमल सिंह में दर्ज किए गए केस में यह बात सामने आई है कि पकड़ा गया आरोपी भारत-पाक बॉर्डर से सटे गांव का रहने वाला है और यह अक्सर अपने मोबाइल फोन से पाकिस्तान के कुछ नंबरों पर फोन किया करता था। साथ ही संदिग्ध आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ सोशल मीडिया के जरिये देश की कई खुफिया जानकारियां पाकिस्तान में लोगों को भेजा करता था।
घाटी में स्थानीय दहशतगर्दों की संख्या में कमीः सेना
दूसरी ओर, भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को श्रीनगर में कहा कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विदेशी आतंकवादियों को अपने ठिकानों से बाहर निकलने को मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि घाटी में स्थानीय दहशतगर्दों की संख्या में कमी आ रही है।
भारतीय सेना की 15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने यह भी कहा कि दुनिया के अन्य हिस्सों में इस्तेमाल की जाने वाली हथियार प्रणालियों का कश्मीर तक पहुंचना एक चुनौती है। लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा, “ये विदेशी आतंकवादी, उनमें से अधिकतर चुप थे। शुरुआत में वे स्थानीय युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों और आतंकवाद का चेहरा बना रहे थे। जैसे-जैसे स्थानीय आतंकवादियों की संख्या कम होने लगी, वे (विदेशी आतंकवादी) अब धीरे-धीरे (मुठभेड़ों के लिए) सामने आ रहे हैं।”
जीओसी ने आगे कहा कि विदेशी आतंकवादी कश्मीरी लोगों या गैर-स्थानीय लोगों के खिलाफ हमले करने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने-अपने गुप्त ठिकानों से बाहर आने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए जब वे बाहर आने लगे हैं तो अब उनका पर्दाफाश हो रहा है और (सुरक्षा बलों से) उनका सामना हो रहा है।”