भाजपा के दो विधायकों की कहानी: पंजाब में केजरीवाल की आंधी में भी कमल खिलाया, एक पुजारी के बेटे, दूसरे ने कांग्रेस के गढ़ में लगाई सेंध

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पंजाब का चुनाव इस बार अप्रत्याशित रहा। आम आदमी पार्टी की झाड़ू के आगे सारे दल साफ हो गए। कांग्रेस के हाथों से सत्ता चली गई तो शिरोमणि अकाली दल का सरकार बनाने का सपना टूट गया।

पंजाब में हमेशा से यही दोनों दल हावी रहे हैं।

अकली दल से अलग होने के बाद पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा। मुख्यमंत्री पद से हटाए गए कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ तो मिला, लेकिन उसका ज्यादा फायदा नहीं हो पाया। कैप्टन खुद चुनाव हार गए और उनकी पार्टी का कोई उम्मीदवार नहीं जीत सका। हालांकि, भाजपा के दो उम्मीदवार आप की लहर में भी कमल खिलाने में कामयाब रहे। इनमें एक पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा हैं, तो दूसरे मुकेरियां सीट से पार्टी को जीत दिलाने वाले जंगीलाल महाजन।

पहले जान लीजिए पंजाब में भाजपा का कैसा रहा प्रदर्शन

पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 166 प्रत्याशियों की जमानत इस बार जब्त हो गई। इन्हें 16.7% से भी कम वोट मिले। इनमें सबसे ज्यादा 54 प्रत्याशी भाजपा के हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के सिर्फ एक उम्मीदवार भुलत्थ से राणा रणजीत सिंह की जमानत जब्त हुई। उन्हें सिर्फ 13612 वोट मिले।

भाजपा के आठ उम्मीदवार ऐसे रहे जो दूसरे नंबर पर रहे। जबकि पठानकोट और मुकेरियां सीट पर जीत मिली। पठानकोट से भाजपा के टिकट पर अश्विनी शर्मा और मुकेरियां से जंगीलाल जीते हैं। वहीं, दो उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। इनमें श्रीहरगोबिंदपुर से बलजिंदर सिंह को 1,318 वोट मिले हैं जबकि 1,401 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। वहीं लंबी विधानसभा से राकेश धींगड़ा को 1,116 वोट मिले। इस सीट पर 1,226 लोगों ने नोटा को चुना।

11 भाजपा प्रत्याशी ऐसे रहे जिन्हें 2,500 से कम वोट मिले। 20 उम्मीदवार ही 20 हजार से ज्यादा वोट पाने में कामयाब रहे। 18 प्रत्याशियों ने 10 हजार से ज्यादा और 20 हजार से कम वोट हासिल किए।

1. अश्चिनी शर्मा : पुजारी के बेटे, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष

पठानकोट विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर अश्विनी कुमार शर्मा ने चुनाव जीता है। अश्विनी पंजाब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इन्होंने कांग्रेस के अमित विज को 7,628 वोटों से हराया। अश्विनी शर्मा को कुल 42 हजार 787 वोट मिले, जबकि अमित विज को 35 हजार 159 वोट मिले। तीसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के विभूति शर्मा रहे, जिन्हें 31 हजार 149 वोट मिले।

अश्विनी कुमार शर्मा का जन्म 23 जनवरी 1964 को पंजाबी हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता पंडित उमा दत्त शर्मा गुरदासपुर जिले के एक प्रसिद्ध पुजारी और ज्योतिषी थे। अश्विनी की शुरुआती पढ़ाई पठानकोट स्थित विवेकानंद मॉडल हाई स्कूल से हुई। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से स्नातक किया। अश्विनी शर्मा बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़ गए थे। साल 2004 में उन्हें पंजाब भारतीय जनता युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया। साल 2010 में उन्हें पंजाब भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। 2012 के चुनाव में अश्विनी शर्मा पठानकोट से विधायक बने थे।

2. जंगीलाल महाजन : कांग्रेस के गढ़ में खिलाया कमल

भाजपा ने पंजाब में दूसरा कमल मुकेरियां सीट पर खिलाया। ये कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। लंबे समय से ये सीट कांग्रेस के पास ही थी। इस बार भाजपा के जंगीलाल महाजन ने छीन ली।

जंगीलाल ने मुकेरियां सीट पर आम आदमी पार्टी के गुरध्यान सिंह मुल्तानी को 2,730 वोटों से हराया। जंगीलाल को 40 हजार 475 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रहे गुरध्यान सिंह मुल्तानी को 37 हजार 745 वोट और अकाली दल के सरबजोत सिंह को 28 हजार 704 वोट मिले। मौजूदा विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी इंदु बाला चौथे नंबर पर रहीं, जिन्हें महज 28 हजार 679 वोट मिले।

जंगीलाल महाजन 2019 में हुए उप चुनाव में भी भाजपा से प्रत्याशी बनाए गए थे। हालांकि, वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद से वह लगातार क्षेत्र में बने रहे। 2017 विधानसभा चुनाव में मुकेरियां सीट से कांग्रेस के रजनीश बब्बी जीते थे। उन्होंने भाजपा के अरुणेश शाकर को हराया था, लेकिन बाद में रजनीश बब्बी का निधन हो गया। इसके बाद 2019 में हुए उप-चुनाव में बब्बी की पत्नी इंदु बाला ने जंगी लाल महाजन को हरा दिया था।

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