पंजाब विधानसभा चुनाव- नवजोत सिंह सिद्धू मुश्किल में, कर्मफल, 31 साल पुराने रोड रेज केस में सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई

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नई दिल्ली 3 फरवरी 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट सड़क पर मारपीट के 31 साल पुराने मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ सुनाई गई सजा की आज गुरुवार को समीक्षा करेगा। क्रिकेटर, एंकर से नेता बने सिद्धू फिलहाल कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष हैं और राज्य में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाला है। वह अमृतसर पूर्व से चुनाव भी लड़ रहे हैं।

देश की सर्वोच्च अदालत ने 15 मई, 2018 को इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले को दरकिनार कर दिया था जिसमें उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देकर तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सिद्धू को एक वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने का दोषी माना था।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 65 साल के बुजुर्ग को ‘जान बूझकर नुकसान पहुंचाने’ के अपराध का दोषी ठहराया था लेकिन उन्हें जेल की सजा से बख्श दिया था एवं उन पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जान बूझकर चोट पहुंचाने के लिए दंड) के तहत अधिकतम एक साल की कैद या 1000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

2007 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के अमल पर लगाई थी रोक

शीर्ष अदालत ने नवजोत सिंह सिद्धू के सहयोगी रूपिंदर सिंह संधू को यह कहते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया था कि दिसंबर, 1988 के इस अपराध के समय सिद्धू के साथ उनकी मौजूदगी का कोई भरोसेमंद गवाह नहीं है। बाद में सितंबर, 2018 में शीर्ष अदालत मृतक के परिवार की समीक्षा याचिका का परीक्षण करने को राजी हो गई थी और सिद्धू को नोटिस जारी किया था।

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल की विशेष पीठ गुरुवार को समीक्षा याचिका पर विचार करेगी। अभियोजन के अनुसार, सिद्धू और संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला के शेरनवाला गेट चौराहे के समीप सड़क के बीच खड़ी जिप्सी में बैठे थे और संबंधित बुजुर्ग एवं दो अन्य पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे। जब वे लोग चौराहे पर पहुंचे तब मारुति कार चला रहे गुरनाम नामक एक व्यक्ति ने सिद्धू एवं संधू से जिप्सी को बीच सड़क से हटाने को कहा. इस पर दोनों पक्षों में गर्मागर्म बहस हो गई।

निचली अदालत ने सितंबर 1999 में सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था। शीर्ष अदालत ने सिद्धू और संधू की अपील पर कहा था कि गुरनाम सिंह की मौत की वजह के संबंध में मेडिकल साक्ष्य ‘बिल्कुल अस्पष्ट’ हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2007 में सिद्धू और संधू को दोषी ठहराए जाने पर रोक लगा दी थी।

सिद्धू अमृतसर पूर्व से कांग्रेस के उम्मीदवार

इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू, आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भगवंत मान और राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल समेत 317 उम्मीदवारों ने पिछले हफ्ते शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल किए। सिद्धू ने अमृतसर पूर्व सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पटियाला छोड़ने और उनसे मुकाबला करने की चुनौती दी।

सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को सिर्फ अमृतसर पूर्व सीट से चुनाव लड़ने और मजीठा विधानसभा क्षेत्र छोड़ने की चुनौती दी। बिक्रम सिंह मजीठिया, मजीठा सीट के साथ-साथ अमृतसर पूर्व सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं, जहां से सिद्धू फिर से चुनाव मैदान में चुनौती पेश कर रहे हैं। पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए इस महीने की 20 फरवरी को मतदान होगा और मतगणना 10 मार्च को होगी।

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