40 साल बाद लंदन से स्वदेश लौटी 10वीं शताब्दी की बकरी के सिर वाली योगीनी की मूर्ति, चित्रकूट से हुई थी चोरी

करीब 6 महीने पहले इस मूर्ति को भारत लाने की कवायद शुरू हुई थी. बलुआ पत्थर की बनी यह मूर्ति कई मामलों में खास है. यह पहली मूर्ति है जिसमें योगिनी का सिर बकरी का है.
भारत से चुराई गई 1200 साल पुरानी योगिनी (Yogini) की मूर्ति (Statue) 40 साल बाद लंदन (London) से वापस लाई गई है. फिलहाल बकरी के सिर वाली इस खास मूर्ति को पुराना किला स्थित संग्रहालय (Old Fort Museum) को सौंप दिया गया है. इस मूर्ति को चित्रकूट के लौरी ग्राम पंचायत के लोखरी गांव के 64 योगिनी मंदिर में स्थािपत किया जाए या इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) को सौंप दिया जाए इस बात का फैसला बाद में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Union Ministry of Culture) द्वारा किया जाएगा. हांलाकि इस बात की संभावनाए अधिक जताई जा रही है कि इस मूर्ति को उसी मंदिर को फिर से सौंप दिया जाए, जहां से इसे चुराया गया था.
आपको बता दें कि 10वीं शताब्दी की बकरी के सिर वाली इस मूर्ति को लगभग 40 साल पहले चित्रकूट से चुराया गया था. करीब 6 महीने पहले इस मूर्ति को भारत लाने की कवायद शुरू हुई थी. बलुआ पत्थर की बनी यह मूर्ति कई मामलों में खास है. यह पहली मूर्ति है जिसमें योगिनी का सिर बकरी का है.
40 साल पहले चोरी हुआ थी ये मूर्ति
आपको बता दें कि ये विशेष मूर्ति 40 साल पहले 1980 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के लौरी ग्राम पंचायत के लोखरी गांव ( अब चित्रकूट जिला) में स्थित 64 योगिनी मंदिर से चोरी हो गई थी. इसके बाद अक्टूबर, 2021 में लंदन में भारतीय उच्चायोग कको इंग्लिश कंट्री गार्डेन में योगिनी की मूर्ति होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद इस मूर्ति को वापस भारत लाने की कवायद शुरु की गई. छह महीने की मेहनत के बाद अब ये मूर्ति भारत लाने में सफलता मिली है.