डिजिटल करेंसी को लेकर पीएम मोदी ने दी सबसे बड़ी जानकारी, आपको जरूर जानना चाहिए

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आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी लांच करने की बात कही थी और अब पीएम मोदी ने कहा है कि आम बजट में प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा को नकदी में तब्दील किया जा सकता है और यह फिनटेक क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोलगा.

बीजेपी द्वारा आयोजित ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) या डिजिटल मुद्रा ऑनलाइन लेनदेन को और सुरक्षित बनाएगा और इसमें किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा.

खबर में खास

  • फिजिकल करेंसी का डिजिटल स्वरूप होगा
  • फिनटेक क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोलगा
  • भौतिक मुद्रा के साथ एक्सचेंज हो सकेगा
  • निजी क्रिप्टो देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता

फिजिकल करेंसी का डिजिटल स्वरूप होगा

उन्होंने कहा कि इससे आने वाले समय में डिजिटल अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. उन्होंने कहा, ”ये डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी (भौतिक मुद्रा) है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। इसको फिजिकल करेंसी से एक्सचेंज (विनिमय) किया जा सकेगा.”

फिनटेक क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोलगा

उन्होंने कहा, ”केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.” इस सम्मेलन में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय मंत्री, पार्टी के पदाधिाकारी और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए. प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल मुद्रा फिनटेक क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन कर और कैश के प्रबंधन, छपाई, परिवहन संबंधी परिवहन के बोझ को कमकर क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी.

भौतिक मुद्रा के साथ एक्सचेंज हो सकेगा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक ‘डिजिटल रुपया’ नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी की जाएगी और इसे भौतिक मुद्रा के साथ बदला जा सकेगा. इस केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को नियंत्रित करने वाले विनियमन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है.

निजी क्रिप्टो देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता

सीबीडीसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है, लेकिन इसकी तुलना निजी आभासी मुद्राओं या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है. निजी डिजिटल मुद्राएं किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है. वे निश्चित रूप से मुद्रा नहीं हैं.

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