कांग्रेस पार्टी सवालों के घेरे में -क्लब के चुनाव में भी ऐसा नहीं होता, पता ही नहीं वोट डालने वाला कौन, फिर कैसे चुना जाएगा कांग्रेस अध्यक्ष? पार्टी नेता ने ही उठाए सवाल, इससे पहले भी कई कांग्रेसी नेता उठा चुके हैं यही सवाल

नई दिल्ली 31 अगस्त 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का ऐलान किया गया है। इस चुनाव के लिए 17 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है। वहीं दो दिन बाद यानी 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। हालाँकि, इस चुनाव को लेकर पार्टी नेताओं ने बागी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाए हैं।
सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि मतदाता सूची के बिना कांग्रेस अध्यक्ष पद के निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे? उन्होंने माँग करते कहा है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए पार्टी के वोटर का नाम-पता प्रकाशित किया जाना चाहिए। दरअसल, मनीष तिवारी ने कांग्रेस के ‘केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण’ के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री के उस बयान के बाद चुनाव प्रक्रिया में सवाल उठाए हैं। मिस्त्री ने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं की जाएगी।

मधुसूदन मिस्त्री के इस बयान को लेकर मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा, “मधुसूदन मिस्त्री जी, बहुत सम्मान के साथ मैं पूछना चाहता हूँ कि जब तक मतदाता सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होती, तब तक निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है? एक निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव का सार यह है कि सभी मतदाताओं के नाम और पते पार्टी की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से प्रकाशित किए जाएँ।”
उन्होंने यह भी कहा, “मैं बहुत सम्मान के साथ बताना चाहता हूँ कि किसी क्लब के चुनाव में भी ऐसा नहीं होता है। निष्पक्षता और पारदर्शिता के हित में, मैं स्वयं आपसे मतदाताओं की पूरी सूची कांग्रेस की वेबसाइट पर जारी करने का निवेदन करता हूँ।”
मनीष तिवारी ने अपने अगले ट्वीट में कहा, “अगर कोई इस चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करना चाहता है, तो नियमों के मुताबिक उसे 10 प्रस्तावकों की जरूरत होगी। यदि उसे मालूम ही नहीं होगा कि मतदाता सूची में कौन-कौन है, तो क्या वो इसके लिए देश भर के प्रदेश कांग्रेस कार्यालयों की दौड़ लगाएगा? ऐसी स्थिति में केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण यह कहकर उसका नामांकन निरस्त कर देगा कि प्रस्तावक इस चुनाव के लिए वैध मतदाता नहीं हैं।”

आपको बता दें कि मनीष तिवारी पहले व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी सवाल उठा चुके हैं।