किसानों का इंतजार हुआ खत्म, चना उत्पादकों के लिए राहत की खबर

इस साल सीजन में चने का रकबा दोगुना हो गया है. इसके अलावा अच्छा वातावरण के कारण उत्पादन में वृद्धि हुई है. पिछले कुछ दिनों में कृषि विभाग ने इस उत्पादकता की घोषणा की है उत्पादन बढ़ने से खुले बाजार में चने (Chickpea) की फसल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं खुले बाजार में औसत दर 4,500 है वहीं नैफेड ने चना के लिए खरीदी केंद्र पर 5,230 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की है.
लेकिन किसान (farmer)इस बात को लेकर चिंतित थे कि खरीदी केंद्र वास्तव में कब शुरू होगा,लेकिन अमरावती जिले में एक चना खरीदी केंद्र( Purchase Center) शुरू किया गया है और इसकी शुरुआत पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप की मौजूदगी में हुई थी किसान अब इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. भले ही अब आवक में वृद्धि हो गई है लेकिन यह दर को प्रभावित नहीं करेगा लेकिन इसके लिए पूर्व बिक्री पंजीकरण की आवश्यकता होगी.
किसानों को होगा इसे मुनाफा
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में खुले बाजार में औसत भाव 4,500 रुपये प्रति ग्राम है लेकिन आवक बढ़ने के साथ कीमतों में उतार-चढ़ाव बढ़ना तय है हालांकि खरीदी केंद्र पर रेट 5,230 रुपये तय किया गया है इसलिए, बाजार दरों और भविष्य में बढ़ते आवक के कारण, एक गारंटी केंद्र की वास्तविक आवश्यकता थी.लेकिन इस खरीदी केंद्र के खुलने से कटाई और थ्रेसिंग के दौरान किसानों को राहत मिली है. और आगे भी मुनाफा हो सकता है.
कृषि उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के बाद ही खरीदारी होगी
हालांकि गारंटी के तहत चने की बिक्री की सुविधा दी गई है, लेकिन केंद्र में पहुंचते ही चने की गुणवत्ता की जांच की जाएगी. इसमें नमी की मात्रा 10 तक होनी चाहिए अन्यथा घटिया माल की खरीद नहीं की जाएगी .कृषि उत्पादों की खरीद खरीदी केंद्र के नियम और शर्तों को स्वीकार कर ही की जाएगी साथ ही कृषि चीजों का पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा.
रजिस्ट्रेशन शुरू, ये हैं जरूरी दस्तावेज
कृषि उपज को खरीदी केंद्र पर बेचने के लिए फसल का पंजीकरण कराना आवश्यक है.इसके लिए किसान ई-फसल सर्वेक्षण के जरिए इस प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे इतना ही नहीं, पंजीकरण करते समय किसानों को आधार कार्ड, सतबारा, 8ए प्रतिलेख, किसान के हस्ताक्षर का फसल हस्ताक्षर प्रतिलेख या चना फसल रिकॉर्ड के साथ सतबारा आधार लिंक के साथ बैंक पासबुक का जेरोक्स जमा करना होगा.