ये नहीं सुधरेंगे-‘आजादी, अल्लाह-हू-अकबर’,जुमे की नमाज के बाद श्रीनगर की जामिया मस्जिद में लगे देश विरोधी नारे, जवानों पर बरसाए पत्थर

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नई दिल्ली 9 अप्रैल 2022 (नवीन चन्द्र पोखरियाल, सचित गौतम)

जम्मू-कश्मीर से फिर एक बार देशविरोधी गतिविधियों की खबर सामने आई है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी मस्जिद जामिया में शुक्रवार (8 अप्रैल 2022) की नमाज के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ‘आजादी’ और ‘भारत विरोधी नारे‘ लगाए। जुम्मे की नमाज के लिए आई भीड़ को आजादी वाले नारे और जाकिर मूसा का समर्थन करते हुए सुना गया। जाकिर मूसा आतंकी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद का चीफ था, जिसे मई 2019 में एक मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना ने ढ़ेर कर दिया था।

इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार अशरफ वानी ने जामिया मस्जिद से एक वीडियो क्लिप शेयर की है, जिसमें इस्लामिक कट्टरपंथियों को भारत से अलग होने के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।

पत्रकार अशरफ वानी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में मुस्लिमों को आजादी के नारों के साथ-साथ ‘नारा ए तकबीर, अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते सुना जा सकता है। यही नहीं, आजादी के नारों के अलावा मस्जिद के बाहर पथराव भी किया गया, जहाँ सुरक्षा की दृष्टि से जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया था।

हालाँकि, जिस तरह से शुक्रवार को सुरक्षाबलों पर पथराव किया गया, वह अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से दुर्लभ घटना है। बहरहाल जैसे ही उपद्रवियों ने पथराव शुरू किया तो उसके तुरंत बाद एक्शन में आए लॉ एन्फोर्समेंट अधिकारियों ने भीड़ को खदेड़ दिया।

इससे पहले पिछले महीने सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने इस बात को माना था कि जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है, तब से घाटी में पथराव की घटनाओं में कमी आई है। 16 मार्च 2022 को सीआरपीएफ के 83वें स्थापना दिवस समारोह से पहले की गई डीजी परेड के मौके पर उन्होंने कहा था, “अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पथराव की घटनाएँ लगभग शून्य हो गई हैं।”

अनुच्छेद 370

गौरतलब है कि देश की सुरक्षा को देखते हुए 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने एक झटके में जम्मू और कश्मीर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दी गई अलग पहचान को खत्म कर दिया था। इसी के साथ राज्य को दशकों से चली आ रही नेहरूवादी भूल से मुक्त कर दिया गया।

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य को विभाजित करके दो नए केंद्र शासित प्रदेश भी बनाए, जिनमें से एक जम्मू और कश्मीर (विधानमंडल के साथ) और लद्दाख (बिना विधानमंडल के) अस्तित्व में आया।

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