हंगामेदार रहने वाला होगा ये सत्र-पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र कल, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पास होगा प्रस्ताव
चंडीगढ़ 7 नवम्बर (नवीन चन्द्र पोखरियाल,सचित गौतम)
पंजाब विधानसभा का 1 दिन का विशेष सत्र सोमवार को सुबह 10:30 बजे बुलाया गया है। इस विशेष सत्र में पंजाब सरकार कई मुद्दों को लेकर सीधा केंद्र सरकार को चैलेंज करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकती है। इसमें सबसे पहले केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने और पंजाब में लागू ना होने देने को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद पंजाब सरकार की ओर से केंद्र सरकार की तरफ से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाएगा।
वहीं इस विशेष घटनाक्रम में शिरोमणि अकाली दल ने कहा है कि सिख विरोधी दंगों की निंदा और गांधी परिवार के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी एक प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने 1984 सिख विरोधी दंगों के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार जगदीश टाइटलर, गांधी परिवार और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसी मुद्दे को लेकर शिरोमणि अकाली दल विधानसभा सत्र के दौरान प्रस्ताव लाने का प्रयास करेगा। अकाली दल और आम आदमी पार्टी कांग्रेस को इस विधानसभा सत्र में घेरने का प्रयास करेंगी और इसी वजह से विधानसभा का एक दिन का ये सत्र बेहद ही हंगामेदार हो सकता है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे तक तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के लिए बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था। इस संशोधन से पहले तक बीएसएफ को इन राज्यों में ये अधिकार अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के दायरे तक हासिल था। बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को बढ़ाने की अधिसूचना और कृषि कानूनों को खारिज करने के लिए आठ नवंबर को पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वो राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को भारत-पाकिस्तान सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ाने वाले केंद्रीय कानून पर फिर से विचार करें। उन्होंने बीएसएफ के पहले वाले अधिकार क्षेत्र को बहाल करने का भी आग्रह किया, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से केवल 15 किमी तक सीमित था। उन्होंने दलील दी थी कि सीमा सुरक्षा बल के पुराने अधिकार क्षेत्र की बहाली से बीएसएफ और पंजाब पुलिस को राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ सौहार्दपूर्ण तरीके से काम करने और भारत की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में मदद मिलेगी।