अब तक 6 ब्राह्मण, 2 ​दलित और 1 कायस्थ बन चुके हैं राष्ट्रपति, 3 मुस्लिम और 1 महिला को भी मिला मौका. किस पार्टी ने किसे आगे किया?

Presidential Election 2022: देश में राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोटिंग ( President Election ) होनी है.

बीजेपी ने एनडीए कैंडिडेट के तौर आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को आगे किया है, वहीं कांग्रेसनीत यूपीए ने पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को उम्मीदवार बताया है. अब वे टीएमसी में हैं. अब तक के इतिहास पर नजर डाला जाए तो ज्यादातर सत्ता पक्ष के उम्मीदवार को ही जीत हासिल हुई है. ऐसे में द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसा हुआ तो भारतीय इतिहास में वह इस देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी.

राष्ट्रपति पद के लिए देश में अब तक 15 बार चुनाव हो चुके हैं और इस पद की कुर्सी पर 14 शख्सियतें बैठ चुकी हैं. डॉ राजेंद्र प्रसाद लगातार दो टर्म राष्ट्रपति रहे और ऐसा करनेवाले वह एकमात्र शख्स रहे. हालांकि वराहगिरी वेंकट गिरी (VV Giri) भी दो बार राष्ट्रपति रहे, लेकिन पूरे कार्यकाल तक नहीं. 3 मई 1969-20 जुलाई 1969 तक छोटे कार्यकाल के लिए और फिर 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक वे राष्ट्रपति रहे. दरअसल, जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु पद पर रहते हुए हो गई थी, इस वजह से तीन लोग कार्यवाहक राष्ट्रपति भी रहे.
6 ब्राह्मण, 3 मुस्लिम, 2 दलित बन चुके हैं राष्ट्रपति

देश में अब तक हुए राष्ट्रपतियों में 6 ब्राह्मण, 3 मुस्लिम, 2 दलित, एक कायस्थ, एक सिख, जबकि एकमात्र महिला शामिल हैं. आजादी के बाद से लेकर अब तक डॉ राजेंद्र प्रसाद एकमात्र कायस्थ राष्ट्रपति हुए. इस बार दूसरे कायस्थ यशवंत सिन्हा को यूपीए ने उम्मीदवार बनाया है. हालांकि उनकी जीत की संभावना कम बताई जा रही है.
यहां देखें लिस्ट

क्रमनामकार्यकालधर्म/जाति
1.डॉ राजेंद्र प्रसाद26 जनवरी 1950-13 मई 1962कायस्थ
2.डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन13 मई1962-13 मई 1967ब्राह्मण
3.डॉ ज़ाकिर हुसैन13 मई 1967-03 मई 1969मुस्लिम
4.वराहगिरी वेंकट गिरी03 मई 1969-20 जुलाई 1969ब्राह्मण
5.वराहगिरी वेंकट गिरी24 अगस्त 1969-24 अगस्त 1974ब्राह्मण
6.फखरुद्दीन अली अहमद24 अगस्त 1974-11 फरवरी 1977मुस्लिम
7.नीलम संजीव रेड्डी25 जुलाई 1977-25 जुलाई 1982ब्राह्मण
8.ज्ञानी जैल सिंह25 जुलाई 1982-25 जुलाई 1987सिख
9.आर वेंकटरमन25 जुलाई 1987-25 जलाई 1992ब्राह्मण
10.डॉ शंकर दयाल शर्मा25 जुलाई 1992-25 जुलाई 1997ब्राह्मण
11.श्री के आर नारायनन25 जुलाई 1997-25 जुलाई 2002दलित
12.डॉ एपीजे अब्दुल कलाम25 जुलाई 2002-25 जुलाई 2007मुस्लिम
13.प्रतिभादेवी सिंह पाटिल25 जुलाई 2007-25 जुलाई 2012राजपूत/महिला
14.प्रणब मुखर्जी25 जुलाई 2012-25 जुलाई 2017ब्राह्मण
15.रामनाथ कोविंद25 जुलाई 2017- 25 जुलाई 2022दलित

देश के किस हिस्से से कितने राष्ट्रपति?

देश के जो 14 राष्ट्रपति निर्वाचित हुए, उनमें से 6 राष्ट्रपति दक्षिण भारत से हुए हैं. इनमें सर्वपल्ली राधाकृष्णन, आर वेंकटरमण और एपीजे अब्दुल कलाम तमिलनाडु से थे, वहीं डॉ जाकिर हुसैन और नीलम संजीव रेड्डी आंध्र प्रदेश से, जबकि केआर नारायणन केरल से थे. वहीं 8 राष्ट्रपति उत्तर, पूर्व और पश्चिम भारत से हुए हैं.

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे. फखरुद्दीन अली अहमद दिल्ली से थे. एकमात्र सिख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह पंजाब से थे. इनके अलावा मध्य प्रदेश से शंकर दयाल शर्मा, पश्चिम बंगाल से प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति रहे. एकमात्र महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल महाराष्ट्र से रही हैं. वहीं, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से हैं.
कांग्रेस, बीजेपी, संयुक्त मोर्चा… किस पार्टी ने किसे आगे किया?

बीजेपी यूं तो सवर्णों की पार्टी बताई जाती है, लेकिन तीन टर्म में अपने 14 साल के कार्यकाल में पार्टी ने मुस्लिम, दलित और आदिवासी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया. वहीं कांग्रेस ने 55 साल के अपने कई टर्म में ज्यादातर सवर्ण उम्मीदवारों तक सिमटी रही. कांग्रेस कार्यकाल में ब्राह्मण, सिख, महिला, कायस्थ तो राष्ट्रपति बने, लेकिन एक भी आदिवासी या दलित राष्ट्रपति नहीं बन पाए. कांग्रेस ने अब तक 6 ब्राह्मण, 2 मुस्लिम, 1 कायस्थ, 1 सिख और एक राजपूत महिला को आगे किया, जो राष्ट्रपति बने.

देश में कई बार जनता दल, जनता पार्टी और संयुक्त मोर्चा की सरकार भी बनी, लेकिन 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई. मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी गैर कांग्रेसी सरकार में ब्राह्मण उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति चुने गए. दूसरी बार 1997 में गैर कांग्रेसी सरकार थी, लेकिन संयुक्त मोर्चा को बाहर से कांग्रेस का समर्थन था. इस बार दलित समाज से आने वाले केआर नारायणन राष्ट्रपति चुने गए. नारायणन इससे पहले कांग्रेस शासनकाल(1992) में उपराष्ट्रपति बनाए गए थे.

बीजेपी ने केंद्र में 3 टर्म रहते हुए किसी भी सवर्ण को राष्ट्रपति पद के लिए आगे नहीं किया. 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए ने मुस्लिम वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति पद के लिए आगे किया और वे लोकप्रिय राष्ट्रपति बने.

2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी और फिर 2017 में राष्ट्रपति चुनाव होना था. बीजेपी ने तब बिहार के राज्यपाल रहे दलित समाज से आने वाले रामनाथ कोविंद को आगे किया और वे तब से देश के राष्ट्रपति हैं. अब पीएम मोदी के ही नेतृत्व में बीजेपी का यह लगातार दूसरा कार्यकाल है और इस बार फिर से बीजेपी ने आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को आगे किया है.

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