UAPA के तहत पूर्वोत्तर के कई संगठनों पर कार्रवाई, पांच वर्ष के लिए कड़े प्रतिबंध

चंडीगढ, नई दिल्ली(आज़ाद वार्ता)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में जनजातीय संघर्ष के बीच चर्चा में आए मैतेई समुदाय से जुड़े होने का दावा करने वाले तीन संगठनों को गैरकानूनी करार दिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में बताया गया कि मैतेई चरमपंथी संगठनों-पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ), यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी सशस्त्र शाखा मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए) अगले पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन होंगे।

अधिसूचना जारी होने के दिन से पांच साल का बैन
गैरकानूनी संघ के रूप में वर्गीकरण के बाद इन संगठनों पर कई प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। पूर्वोत्तर भारत में अशांति फैलाने के आरोपी संगठनों पर नकेल कसते हुए गृह मंत्रालय ने कई और संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। सोमवार को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) को भी गैरकानूनी संगठन माना जाएगा। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सभी संगठनों को 13 नवंबर, 2023 से पांच साल के लिए बैन किया जाएगा। इस संबंध में संबंधित राज्यों में अधिसूचना भेजी जाएगी।

पांच साल का बैन लगेगा
गृह मंत्रालय ने कहा, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) की सशस्त्र शाखा- लाल सेना, कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) कांगलेई याओल कनबा लुप (केवाईकेएल), समन्वय समिति (कोरकॉम), और एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेइपाक (एएसयूके) सहित सभी उनके गुटों, विंगों और अग्रणी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। गृह मंत्राल. ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम के लिए बनाए गए कानून- UAPA अधिनियम, 1967 के तहत उक्त सभी इकाइयों को पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संघ माना जाएगा।