उत्तर प्रदेश चुनाव 2022: पीएम मोदी का अखिलेश पर सीधा हमला, बोले- सत्ता के सपने देख रही है नकली समाजवादी

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी घमासान जोरों पर है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी आज यूपी चुनाव के लिए अपनी पहली वर्चुअल रैली की।

पीएम मोदी ने जन चौपाल कार्यक्रम के जरिए से यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, सहारनपुर और गौतमबुद्ध नगर के मतदाताओं को संबोधित किया।

आपने संबोधन में उन्‍होंने कहा कि यूपी के विकास के लिए हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। हमने 5 साल पहले यह बात कही थी और आज योगी सरकार ने यह साबित कर दिखाया है। 5 साल पहले यूपी में सिर्फ दंगाइयों की चलती थी। उन्‍हीं का शासन चलता था। बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक तरफ भाजपा है, जिसके बाद विकास का स्पष्ट विजन है. साफ सुधरा और ईमानदार नेतृत्व है। वहीं दूसरी तरफ अहंकार से भरे, समाज को तोड़ने वाले, किसी भी कीमत पर सत्ता पाने का सपना देख रहे नकली समाजवादी हैं। विजन के नाम पर इनके पास सिर्फ विरोध और गुस्सा है। आज यूपी कह रहा है कि एकबार फिर गरीबों की सरकार, बीजेपी की सरकार। डबल इंजन की सरकार।

प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी बातें…

– पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ये वो धरती है, जिसने 1857 की क्रांति में देश को एकजुटता का संदेश दिया था। कमल के फूल और रोटी ने हमेशा देश को बांटने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया है। हम एकजुट रहेंगे, तो कोई हमें कभी परास्त नहीं कर पाएगा। हर एक का प्रयास ही उत्तर प्रदेश को ऊंचाई देगा।

– आज उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर भाजपा की ये पहली वर्चुअल रैली है। इतने कम समय में तकनीक के माध्यम से इतने सारे लोगों को जोड़ना, ये भाजपा कार्यकर्ताओं की दिन-रात की मेहनत का परिणाम है। एक जीवंत संगठन का ये सबूत है।

– 5 साल पहले यूपी को लेकर क्या चर्चा होती थी। दबंग और दंगाई ही कानून थे। उनका कहा ही शासन का आदेश था। 5 साल पहले व्यापारी लूटा जाता था। बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया सरकारी संरक्षण खुलेआम घूमते थे। पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब ये क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था तो पहले वाली सरकार उत्सव मना रही थी। 5 साल पहले गरीब दलित, वंचित पिछड़ों के घर जमीन दुकान पर अवैध कब्जा ये समाजवाद का प्रतीक था लोगों के पलायन की आय दिन खबर आती थी, अपहरण, फिरौती रंगदारी ने मध्यम वर्ग व्यापारियों को तबाह करके रख दिया था।

– पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब ये क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था, तो पहले वाली सरकार उत्सव मना रही थी। 5 साल पहले- गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ों के घर-ज़मीन-दुकान पर अवैध कब्ज़ा, समाजवाद का प्रतीक था। लोगों के पलायन की आए दिन खबर आती थी। हम यूपी में बदलाव के लिए खुद को खपा रहे हैं, वो आपसे बदला लेने की ठानकर बैठे हैं। इन लोगों ने जिन्हें टिकट दिया है, वो इसका एक और सबूत है। ये बदला लेना ही हमेशा से उनकी सोच रही है। इसलिए मैं देखकर खुश हूं कि यूपी के लोग इन दंगाई सोच रखने वालों से बहुत सावधान हैं, सतर्क हैं।

– हमारा काम और उनके कारनामे, उनकी कारस्तानी, देखकर इस बार भी यूपी की जनता, भाजपा को भरपूर आशीर्वाद देने जा रही है। और इसमें भी जो हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं, वो खुलकर भाजपा के साथ हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, ये हमारे लिए डबल इंजन सरकार की नीति और निष्ठा का मूल मंत्र भी है। बीते सालों में जो भी योजनाएं भाजपा सरकार ने लागू की हैं, उनका लाभ सभी को मिला है, बिना किसी भेदभाव मिला है। यही भावना तो हमारे संविधान के मूल में है।

– जिन्होंने गरीब की तकलीफ ने कभी महसूस की, न कभी देखी, हमेशा जमीन से कटे रहे, वो न गरीब को समझ सकते हैं, न उनका भला कर सकते हैं। गरीबों की भाजपा सरकार ने कैसे काम किया है उसका उदाहरण गरीबों के पक्के घर हैं। पहले वाली सरकार ने अपने 5 साल में गौतमबुद्ध नगर में सिर्फ 73 घर बनाए थे। योगी सरकार ने इन्हीं 5 साल में करीब 23 हजार घर बनाकर शहरी गरीबों को दिए हैं। सोचिए, कहां 73 घर और कहां 23 हजार घर।

– बीते 5 सालों में अगर यूपी में अनेकों नए शिक्षण संस्थान, ITI और नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। इतने सारे नए विश्वविद्यालय बने हैं, तो इसके पीछे युवा सपनें और युवा आकांक्षाएं ही हैं। सहारनपुर शहर में भी पहले वाली सरकार ने सिर्फ 221 घर गरीबों के लिए बनवाए थे। योगी सरकार ने इन्हीं पांच सालों में 18 हजार से ज्यादा घर बनाकर सहारनपुर के गरीबों को दिए हैं। शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत शहर में भी कुल मिलाकर 800 घर ही पिछली सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में बनवाए थे। योगी सरकार ने इन तीन शहरों में 33 हजार से ज्यादा गरीबों को घर बनवाकर दिए हैं।

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