बेहद दिलचस्प और प्राचीन परम्परा – बेहद रहस्यमयी है ‘महिला नागा साधुओं’ की दुनिया, केवल इस समय देती हैं दर्शन!, बेहद रहस्यमयी है ‘महिला नागा साधुओं’ की दुनिया

नई दिल्ली 10 जनवरी 2023 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)
आइए आपको एक बेहद दिलचस्प और प्राचीन परम्परा से रूबरू कराते हैं।
आमतौर पर महिला नागा साधुओं का जिक्र भी कम ही आता है, क्योंकि महिला नागा साधु दुर्लभ ही दिखाई देती हैं। यहां तक कि कई लोगों को तो यह भी नहीं मालूम है कि पुरुष नागा साधु की तरह महिला नागा साधु भी होती हैं।
सनातन हिंदू धर्म में साधु-संतों की नागा साधु वाली बिरादरी को अघोरी भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि महिला नागा साधु कैसे बनती हैं, उनकी वेशभूषा क्या होती है और उनकी दुनिया कैसी होती है और महिला नागा साधु कब दर्शन देती हैं।

आइए जानें कौन होती हैं महिला नागा साधु
हिंदू धर्म में जिस तरह पुरुष नागा साधु होते हैं वैसे ही महिला नागा साधु भी होती हैं। महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को कड़ा तप करना होता है। उन्हें काफी कठिन परीक्षाओं से गुजरना होता है। महिला नागा साधुओं की परीक्षा कई साल चलती है, वे सख्त ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करती हैं। उसके पश्चात् जिंदा रहते हुए ही अपना पिंडदान भी करती हैं और अपना सिर भी मुंडवाती हैं। इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करती हैं। तब जाकर उन्हें महिला नागा साधु का दर्जा मिलता है।

कैसी होती है महिला नागा साधु की वेशभूषा
पुरुष नागा साधु सार्वजनिक तौर पर भी नग्न ही नजर आते हैं। हालांकि महिला नागा साधुओं को नाम जरूर नागा साधु का दिया जाता है लेकिन वे निर्वस्त्र नहीं रहती हैं। अधिकांश महिला नागा साधु वस्त्रधारी होती हैं और केवल गेरवे रंग का बिना सिला हुआ वस्त्र धारण करती हैं। ये गेरुए रंग का कपड़े का टुकड़ा रहता है, जिसे वे अपने शरीर के कुछ हिस्सों पर लपेटे रहती हैं। साथ ही महिला नागा साधु अपने माथे पर तिलक लगाती हैं और अपने शरीर के कई हिस्सों पर भस्म भी लगाए हुए रहती हैं। महिला नागा साधुओं को हिंदू धर्म में बहुत सम्मान दिया जाता है और इन्हें माता कहकर बुलाया जाता है।

किसी खास मौके पर ही नजर आती हैं महिला नागा साधु
महिला नागा साधु बहुत दुर्लभ मौकों पर ही नजर आती हैं। यह आम जनजीवन से बहुत दूर घने जंगलों, पहाड़ों, गुफाओं में ही रहती हैं और पूरा समय भगवान की भक्ति में ही लीन रहती हैं। वे जंगल-पहाड़ों से बाहर निकलकर दुनियां के सामने कम ही नजर आती हैं। आमतौर पर महिला नागा साधु केवल कुंभ या महाकुंभ में ही नजर आती हैं और फिर अचानक से गायब भी हो जाती हैं। हालांकि पुरुष नागा साधु भी कम ही नजर आते हैं लेकिन महिला नागा साधुओं का दुनिया के सामने आने के मौके उससे भी कम होते हैं।