बेहद दुखद समाचार, साधु-संतों के देश भारत में संतों का बलिदान आखिर कब तक-सम्मेद शिखर के लिए आमरण अनशन, 4 दिन में दूसरे जैन मुनि ने त्यागे प्राण, संत बोले- झारखंड सरकार फैसला दे, वरना ऐसे ही देंगे बलिदान

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नई दिल्ली 6 जनवरी 2023 (नवीन चन्द्र पोखरियाल)

जैन तीर्थस्थान सम्मेद शिखरजी के लिए एक और जैन मुनि ने कल (5 जनवरी 2023) जयपुर के जैन मंदिर में अपने प्राण त्याग दिए। चार दिन में दूसरे संत ने अनशन पर बैठे रहने के दौरान देह त्यागी है। इससे पहले 3 जनवरी को एक जैन मुनि ने 9 दिन प्रदर्शन के दौरान अंतिम साँस ली थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जयपुर के सांगानेर स्थित संघीजी दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समर्थ सागर करीब तीन दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। गुरुवार देर रात 1 बजकर 20 मिनट के आसपास उनका निधन हुआ।

शुक्रवार (6 जनवरी 2023) सुबह लोगों को जैसे ही इस बारे में पता चला वह मंदिर आने लगे। इसके बाद संत मुनि सागर की डोल यात्रा संघीजी मंगिर से विद्यानगर तक निकाली गई और फिर जैन रीति-रिवाजों के साथ उनको समाधि दे दी गई।

मुनि सागर के देहांत की खबर सुनने के बाद जैन संत ये कहते नजर आए कि जब तक झारखंड सरकार सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल नहीं घोषित करेगी तब तक मुनि ऐसे ही बलिदान देते रहेंगे। मुनि समर्थ सागर का बलिदान भी हमेशा याद रखा जाएगा। उन्हें उनके गुरु आचार्य सुनील सागर महाराज के सानिध्य में समाधि दी गई।

आचार्य सुनील सागर ने कहा कि मुनि समर्थ सागर महाराज के पास गुरुवार को भाजपा के कई बड़े पदाधिकारी आए थे, लेकिन मुनि समर्थ सागर महाराज ने यही कहा था कि जब तक झारखंड सरकार अपना फैसला साफ नहीं करेगी तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। इस अनशन को करने के दौरान उन्होंने जल तक त्याग रखा था।

आपको बता दें कि इससे पहले जैन मुनि सुज्ञेय सागर महाराज ने मंगलवार (3 जनवरी 2023) को सम्मेद शिखर के लिए अपने प्राणों का त्याग किया था। इसे देखते हुए वहीं आचार्य शशांक सागर महाराज ने कहा कि जयपुर में दो मुनियों ने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया है। सीएम गहलोत को कम से कम यहाँ आकर जैन समाज का समर्थन करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि झारखंड के गिरिडीह में बने जैन तीर्थ स्थान पर पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी को केंद्र की ओर से रोक दिया गया है। केंद्र के फैसले के बाद अब जैन समुदाय झारखंड सरकार के फैसले का इंतजार कर रहा है। आज समग्र जैन समाज की ओर से मौन जुलूस निकाला जाना था, जिसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।

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