परिवार, प्यार, धन-दौलत या कुछ और, विज्ञान की नजरिए से क्या है जीवन के असली मायने?

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चंडीगढ(आज़ाद वार्ता)

जीवन का वास्तविक अर्थ क्या है? इसका जवाब तो सबके पास है, लेकिन कोई भी इसकी सटीक परिभाषा नहीं बता सकता. कुछ लोग जीवन को खुशी का जरिया मानते हैं तो कुछ नाम कमाने का माध्यम.
तमाम लोगों के लिए जीवन पैसा कमाने, प्यार पाने या परिवार बनाने का जरिया है.
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जीवन के प्रति दार्शनिक नजरिया रखते हैं तो कुछ धार्मिक. वह इसे अच्छे कर्म और मोक्ष पाने का माध्यम मानते हैं. मगर क्या यह जीवन का असली अर्थ है? विदेश में इस बारे में एक ऐसा रिसर्च हुआ है, जिसने काफी हद तक इस प्रश्न का जवाब तलाशने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि विज्ञान के नजरिए से जीवन के असली मायने क्या हैं?

इंसान आखिर क्या चाहते हैं?

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफॉर्निया के सेन डिऐगो स्कूल ऑफ मेडिसिन डिपार्टमेंट ने जीवन के वास्तविक अर्थ पर रिसर्च किया है. इस रिसर्च में सामने आया है कि जीवन का असली अर्थ बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु से है. इस रिसर्च में सामने आया है कि 60 साल से कम उम्र के लोग स्वास्थ्य को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन उनके जीवन का अर्थ परिवर्तनीय होता है, जब वे इस उम्र पर पहुंचते हैं तो उनका नजरिया बदल जाता है और वे ये मानते हैं कि जीवन में उन्हें सिर्फ शारीरिक और मानसिक हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए था.

60 साल के बाद होता है अहसास

सेन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन में मनोचिकित्सा और तंत्रिका विज्ञान के विशिष्ट प्रोफेसर के डीलिप वी जेस्ट कहते हैं कि जब लोग 60 साल के होते हैं तब उन्हें अहसास होता है कि जीवन का असली अर्थ क्या है. 20 साल की उम्र में वह अपने करियर, जीवनसाथी के बारे में अनिश्चित होते हैं. तीस, चालीस और पचास साल की उम्र में जीवन की प्राथमिकताएं बदलती जाती हैं. 60 साल की उम्र तक आप शादीशुदा भी होते हैं, परिवार भी होता है, लेकिन इसके बाद चीजें बदलने लगती हैं. नौकरी से रिटायर होने के बाद लोगों की पहचान खोने लगती है और जीवन का अर्थ भी बदलने लगता है.

स्वास्थ्य क्यों है अहम

रिसर्च में सामने आया है कि 60 साल की उम्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जोर मारने लगती हैं. परिवार को नजदीकी मित्र दुनिया छोड़ने लगते हैं. इसके बाद लोगों को ये अहसास होता है कि जीवन का असली अर्थ स्वास्थ्य ही क्यों है. इस रिसर्च में 21 साल की उम्र से लेकर 100 वर्ष से अधिक के लोग शामिल किए गए. साक्षात्कार के बाद एक प्रश्न पत्र के आधार पर इनका मूल्यांकन किया गया, इसमें ज्यादातर लेागों ने माना कि जीवन का असली अर्थ स्वास्थ्य है.

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