लायंस कम्पनी के एजेंडे को डेफर क्यों कराना चाहती थी कांग्रेस, हो सीबीआई जांच:- आप

प्रशासक से अपील लायंस कम्पनी के पूरी टेंडर प्रक्रिया की हो जांच:- आप
चंडीगढ़ 21 मई 2022 (सचित गौतम)
आम आदमी पार्टी के नेताओं में सन्दीप दहिया, हरजिंदर बावा, प्रदीप भारद्वाज, जे जे सिंह,येंकी कालिया, कुलदीप कुक्की, शादाब राठी, जयदीप मल्होत्रा, राजेश चौधरी, हरमेश केम्बवाला,भारतभूषण अरोड़ा, सियाराम, उज्ज्वल भसीन, रविन्द्र भनोट ने अपने संयुक बयान में कहा है कि काँग्रेस लाइंस कंपनी के एजेंडे को क्यों डेफर करवाना चाहती थी इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। पिछले छे सालों से लाइंस कंपनी को टेंडर कैसे मिलता रहा व एक्सटेंड होता रहा तब विपक्ष में बैठकर कांग्रेस के पार्षद मुहँ में दही जमाकर क्यों बैठे रहे थे। कांग्रेस के किस किस पार्षद ने कंपनी के बढ़िया काम करने का सर्टिफिकेट दिया है उनके नाम उजागर होने चाहिये। कांग्रेस के पार्षद पिछले छह सालों में कंपनी को ब्लैक लिस्ट क्यों नही करा पाई? जिस कम्पनी ने टेंडर से काम दोबारा लेने के एक महीने के बाद कांग्रेस के पार्षद एजेंडा डेफर कराना चाहते थे इसमे कोई गहरी चाल लगती है जिसकी जांच होनी चाहिए। अनुमान के साथ इस साल हुए टेंडर में पहले के छे सालों के टेंडर के मुकाबले में हर महीने के सवा करोड़ रुपये बचेंगे जिसमे एरिया भी बढाया गया है और कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधा भी। पिछले छे सालों में 90 करोड़ का घोटाला हुआ इसकी जांच सीबीआई करे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। पिछले 6 सालों में कौन कौन से कांग्रेस व बीजेपी के पार्षदों ने कंम्पनी से पैसे लिए है उसकी भी जांच होनी चाहिए। कम्पनी के टर्म एंड कंडीशन प्रक्रिया के फैसले का अधिकार कमिश्नर के पास है ये खुद कमिश्नर मेडम ने बताया है और दूसरा इस पर कमेटी बनाई जाएगी जिसमे सभी पार्टियों के पार्षद शामिल किया जाएगा बाबजूद इसके बार बार इस एजेंडे को डेफर करने की बात करना पूर्ण रूप से सन्देह पैदा करता है! डेफर के माध्यम से कांग्रेस कंपनी को ब्लैकमेल तो नही करना चाहती थी? जिसकी जांच होनी बहुत जरूरी है घोटालों की जननी कांग्रेस को खुद आईने में देखना चाहिए। हमारी प्रशासक महोदय से अपील है इस बार की टेंडर प्रक्रिया की पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए।