महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पास,विरोध में कोई वोट नही पड़ा

नई दिल्ली, चंडीगढ (आज़ाद वार्ता)
लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम गुरुवार को पारित हो गया। इस बिल के विरोध में कोई वोट नहीं पड़ा।
यानी बिल के समर्थन में सभी 215 वोट पड़े। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा।
लोकसभा में भी पारित हुआ बिल
इससे पहले, बुधवार को महिला आरक्षण बिल लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ, जिसमें महिलाओं को चुनाव लड़ने के लिए 33% का आरक्षण का प्रावधान है। इस बिल को लेकर मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। निचले सदन में बिल के पक्ष में 454 और खिलाफ में 2 मत डाले गए। इस विधेयक का कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने समर्थन किया।
पीएम मोदी ने जताया आभार
सदन में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस बिल पर दो दिनों से अहम चर्चा हो रही है। सभी साथियों ने सार्थक चर्चा की है। भविष्य में भी इस चर्चा का एक-एक शब्द हमारी यात्रा में काम आने वाला है। हर शब्द का अपना मूल्य है, महत्व है। इस बिल का समर्थन करने के लिए सभी का आभार व्यक्त करता हूं। यह इससे देश के जन-जन में आत्मविश्वास पैदा करेगा। सभी सांसदों और दलों ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। सभी सांसदों से अनुरोध है कि सर्व सम्मति से इसे पास करें।
तुरंत लागू करें बिल
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जन खरगे ने कहा कि मैं दिल से इस बिल को पूर्ण समर्थन देता हूं। इंडिया गठबंधन के दल भी इसे सपोर्ट करते हैं। उन्होंने कहा, इस बिल को अभी लागू किया जाना चाहिए। हम बिना कोई शर्त समर्थन दे रहे हैं। इसमें परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। कृषि बिल भी तो पास किया गया था, नोटबंदी की थी, तो इसी भी कर सकते हैं।
OBC को भी दें आरक्षण
खरगे ने OBC महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की। उन्होंने कहा, “महिला आरक्षण बिल में OBC के लिए भी आरक्षण नहीं है। आप इसमें संशोधन कर सकते हैं, OCB को आरक्षण दे सकते हैं। आप OCB महिलाओं को पीछे क्यों छोड़ रहे हैं? क्या आप उन्हें साथ नहीं लेना चाहते? आप साफ कीजिए कि इस बिल को कब लागू करने वाले हैं, हमें तारीख और साल बताइए।